मराठा आरक्षण आंदोलन तेज! राज्य सरकार की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल करेगा चर्चा

    30-Aug-2025
Total Views |

Maratha reservation(Image Source-Internet) 
 
मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण (Maratha reservation) की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन जारी है। राज्य की तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया था, लेकिन जरांगे पाटिल का कहना है कि यह आरक्षण कभी भी वापस लिया जा सकता है। इसलिए वे ओबीसी आरक्षण में मराठा समाज को स्थायी तौर पर शामिल करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के पहले दिन बड़ी संख्या में मराठा समाज के लोग मुंबई पहुंचे थे और अब यह आंदोलन दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। इस बीच राज्य सरकार की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल आंदोलनकारियों से चर्चा करने के लिए आजाद मैदान पहुंचेगा।

शिंदे समिति के पूर्व न्यायाधीश करेंगे वार्ता
मराठा आरक्षण के लिए गठित शिंदे समिति के पूर्व न्यायाधीश संदीप शिंदे आंदोलनकारियों से चर्चा करेंगे। उनके साथ कोंकण के संभागीय आयुक्त भी मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से जरांगे पाटिल को दिए गए बयान के बाद आरक्षण उपसमिति की बैठक हुई। बैठक में आज़ाद मैदान जाकर आंदोलनकारियों से सीधे चर्चा करने का निर्णय लिया गया। राज्य भर की नजर इस बैठक और सरकार के समाधान पर टिकी हुई है, क्योंकि जरांगे पाटिल ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।
स्थायी आरक्षण की मांग और चेतावनी
जरांगे पाटिल का कहना है कि “कुनबी और मराठा एक ही हैं” और इसे सरकारी स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने हैदराबाद गैजेट और सतारा-बॉम्बे गजेट लागू करने की मांग की है। जरांगे का कहना है कि पिछले 13 महीनों से इस पर अध्ययन हो रहा है, लेकिन अब सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि “आज का दिन प्यार से बात करने का है, अगर सरकार आरक्षण दे देती है तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर नहीं दिया गया तो मैं सरकार को भी गिरा सकता हूं।” जरांगे ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर वे किसी भी मंत्री की नहीं सुनेंगे और चार महीने पहले ही आंदोलन की तारीख सरकार को बता दी गई थी।
ओबीसी नेताओं का विरोध भी शुरू
दूसरी ओर ओबीसी नेताओं ने भी जरांगे पाटिल के आंदोलन के समानांतर संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है। सोमवार से वे साराटी गांव से आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जो जरांगे पाटिल के प्रभाव क्षेत्र में आता है। ओबीसी नेताओं ने तय किया है कि जब तक जरांगे पाटिल का आंदोलन जारी रहेगा, तब तक उनका आंदोलन भी प्रत्येक जिले में जारी रहेगा। सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया गया है। ओबीसी नेताओं का आरोप है कि मराठा समाज को पहले से ही चार बार आरक्षण दिया जा चुका है, फिर भी वे आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इससे ओबीसी समाज के अधिकारों पर संकट मंडरा रहा है।