पितृ पक्ष 2025: महत्व और तारीखें

    28-Aug-2025
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Pitru Paksha
 (Image Source-Internet)
 
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) या श्राद्ध पक्ष को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अवधि पूर्वजों को सम्मान देने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित होती है। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या तक चलेगा। इस दौरान श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं, ताकि departed ancestors की आत्मा को संतोष और शांति मिल सके।
 
पितृ पक्ष का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष में पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और उनसे सम्मान, भोजन और जल की अपेक्षा होती है। श्राद्ध अनुष्ठानों के माध्यम से परिवार अपने पूर्वजों का आदर करता है और उनकी कृपा से परिवार में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति आती है। इस अवसर पर गया जैसे पवित्र स्थलों और नदी किनारों की यात्रा कर तर्पण, पिंडदान और दान देना आम प्रथा है। यदि किसी पूर्वज की मृत्यु तिथि ज्ञात हो तो उसी दिन श्राद्ध किया जाता है, अन्यथा सर्वपित्री अमावस्या पर अनुष्ठान संपन्न होते हैं।
 
श्राद्ध अनुष्ठानों की महत्वपूर्ण तिथियां 2025
वर्ष 2025 में श्राद्ध पालन के लिए तारीखें इस प्रकार हैं:
 
- पूर्णिमा श्राद्ध: 7 सितंबर, रविवार
- प्रतिपदा श्राद्ध: 8 सितंबर, सोमवार
- द्वितीया श्राद्ध: 9 सितंबर, मंगलवार
- तृतीया और चतुर्थी श्राद्ध: 10 सितंबर, बुधवार
- पंचमी / महा भारनी: 11 सितंबर, गुरुवार
- षष्ठी श्राद्ध: 12 सितंबर, शुक्रवार
- सप्तमी श्राद्ध: 13 सितंबर, शनिवार
- अष्टमी श्राद्ध: 14 सितंबर, रविवार
- नवमी श्राद्ध: 15 सितंबर, सोमवार
- दशमी श्राद्ध: 16 सितंबर, मंगलवार
- एकादशी श्राद्ध: 17 सितंबर, बुधवार
- द्वादशी श्राद्ध: 18 सितंबर, गुरुवार
- त्रयोदशी / माघ श्राद्ध: 19 सितंबर, शुक्रवार
- चतुर्दशी श्राद्ध: 20 सितंबर, शनिवार
- सर्वपित्री अमावस्या: 21 सितंबर, रविवार