297 वर्षों की परंपरा : सीनियर भोंसला पैलेस में गणेशोत्सव की भव्य शुरुआत

    28-Aug-2025
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- ऐतिहासिक धरोहर का सजीव स्वरूप

Bhonsala Palace
 
नागपुर।
शहर के प्रसिद्ध सीनियर भोंसला पैलेस (Bhonsala Palace) इस बार भी श्रद्धा और परंपरा का अद्भुत संगम बना, जब भगवान गणेश का आगमन शाही अंदाज में हुआ। श्रीमंत राजेसाहेब मुधोजी महाराज भोसले के राजमहल में आयोजित यह गणेशोत्सव लगातार 297 वें वर्ष मनाया जा रहा है। परंपरा के अनुसार गणेश प्रतिमा का स्वागत शाही पालकी यात्रा के जरिए किया गया और विधि-विधान पूर्वक प्रतिष्ठापना की गई। वर्ष 1728 से शुरू हुई यह परंपरा आज भी उसी गरिमा और भक्ति के साथ निभाई जा रही है, जो इसे नागपुर के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित गणेशोत्सवों में शामिल करती है।
 
अद्वितीय परंपरा और शाही प्रतीक
भोंसला पैलेस गणेशोत्सव की विशेषता यह है कि प्रतिमा का आकार, रंग और स्वरूप तीन सदियों से अपरिवर्तित है। भगवान गणेश का आगमन होते ही उन्हें नागपुर के शाही परिवार की पारंपरिक पगड़ी पहनाई जाती है, जो आस्था और विरासत के बीच गहरे संबंध का प्रतीक है। इस अवसर पर श्रीमंत राजेसाहेब मुधोजी महाराज भोंसले ने कहा, “हमारे लिए यह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी है। 297 वर्षों से हमारा परिवार इस परंपरा को निभा रहा है और हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों तक इसे सुरक्षित पहुंचाएं।”

Bhonsala Palace 
संस्कृति और भक्ति का अद्वितीय संगम
गणेशोत्सव के दौरान राजमहल का वातावरण भक्ति, संस्कृति और गौरव का संगम बन जाता है। यहां की परंपराएं न केवल भोंसले परिवार की विरासत को जीवित रखती हैं, बल्कि नागपुर के नागरिकों को भी अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। इतिहास की गूंज और भक्ति की भावना जब एक साथ मिलती है, तो भोंसला पैलेस का गणेशोत्सव एक जीवित परंपरा के रूप में सामने आता है। नागपुर की जनता के लिए यह उत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।