आजाद मैदान में मनोज जरांगे को आंदोलन की अनुमति, लेकिन शर्तों के साथ

    27-Aug-2025
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Manoj Jarange
 (Image Source-Internet)
मुंबई :
मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) को आखिरकार मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान में आंदोलन करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, यह अनुमति केवल एक दिन के लिए दी गई है और इसके साथ कई शर्तें भी जोड़ी गई हैं। खास बात यह है कि गणेशोत्सव के दौरान इस आंदोलन की वजह से नागरिकों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए पुलिस ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आंदोलन का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक तय किया गया है।
 
एक दिन की अनुमति, केवल 5000 लोगों को प्रवेश
पुलिस आदेश के अनुसार आंदोलन केवल एक दिन ही आयोजित किया जा सकेगा। शनिवार, रविवार या किसी भी सरकारी अवकाश के दिन अनुमति नहीं दी जाएगी। आंदोलन स्थल के लिए केवल 7 हजार वर्ग मीटर जगह आरक्षित की गई है, जिसमें अधिकतम 5000 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति होगी। साथ ही, चूंकि उसी दिन अन्य आंदोलनों को भी अनुमति मिली है, इसलिए उनके अधिकारों का भी सम्मान करना आवश्यक होगा। पुलिस ने साफ कहा है कि किसी भी प्रकार की रैली, मार्च या भीड़भाड़ की स्थिति स्वीकार्य नहीं होगी।
 
वाहनों, ध्वनि उपकरणों और समय सीमा पर रोक
मुंबई पुलिस ने आंदोलन में आने वाले वाहनों पर भी सख्त नियंत्रण लगाया है। पूर्वी फ्री-वे से वाडी बुंडर तक वाहनों को अनुमति दी जाएगी, लेकिन आजाद मैदान तक केवल 5 वाहन ही मुख्य नेता के साथ प्रवेश कर सकेंगे। बाकी वाहनों को पुलिस द्वारा निर्धारित स्थान पर पार्क करना होगा। इसके अलावा, लाउडस्पीकर, माइक, डीजे या किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। आंदोलन का समय भी तय किया गया है—सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ही। उसके बाद किसी भी सूरत में मैदान पर रुकना संभव नहीं होगा।
 
जरांगे का ऐलान : "सरकार एक दिन में निर्णय ले"
मनोज जरांगे ने सरकार के सामने साफ कहा है कि यदि आंदोलन को एक दिन की अनुमति दी गई है तो सरकार को भी एक ही दिन में मराठा समाज की आरक्षण संबंधी मांगों पर निर्णय लेना चाहिए। जरांगे का कहना है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि आंदोलन में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को शामिल न किया जाए। साथ ही, आंदोलन स्थल पर खाना बनाने या कचरा फेंकने पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। चूंकि आंदोलन गणेशोत्सव के दौरान हो रहा है, इसलिए यातायात बाधित करने, नागरिकों को परेशान करने या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यवहार पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।