- नागपुर के लिए नई दिशा: सैटेलाइट सिटी का सपना
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नागपुर।
बढ़ते शहरी दबाव और अस्थिर विस्तार से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महत्वाकांक्षी ‘नया नागपुर’ (New Nagpur) विकास योजना को मंजूरी दे दी है। नवी मुंबई मॉडल पर आधारित यह योजना नागपुर के लिए एक आधुनिक सैटेलाइट सिटी के रूप में तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कमेटी की बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य नागपुर को भविष्य के लिए स्मार्ट, टिकाऊ और हरित शहर के रूप में तैयार करना है।
तीसरी रिंग रोड और अत्याधुनिक ट्रक टर्मिनल
'नया नागपुर’ योजना का सबसे बड़ा आकर्षण होगा 148 किलोमीटर लंबा तीसरा रिंग रोड, जिसके लिए 36 गांवों में लगभग 880 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। यह रिंग रोड बुटीबोरी एमआईडीसी, हिंगना इंडस्ट्रियल एरिया, एमआईएचएएन, कळमेश्वर, गोंडखैरी, कामठी, पारशिवनी, मौदा, उमरेड और हुडकेश्वर-नरसाला बेल्ट से होकर गुजरेगा। साथ ही यह सड़क एनएच-44, एनएच-53 और एनएच-47 जैसे राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जुड़ेगी, जिससे नागपुर एक प्रमुख औद्योगिक और लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरेगा। योजना के अंतर्गत शहर के बाहरी हिस्सों में एक अत्याधुनिक ट्रक टर्मिनल भी विकसित किया जाएगा। यहां बड़े पैमाने पर पार्किंग सुविधा, लोडिंग-अनलोडिंग ज़ोन, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, रिपेयर स्टेशन और ड्राइवरों के लिए विश्राम क्षेत्र बनाए जाएंगे। इससे न केवल शहर के अंदर यातायात और प्रदूषण कम होगा बल्कि औद्योगिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
नए अवसरों की ओर बढ़ता नागपुर
नया नागपुर’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत नागपुर ग्रामीण, कामठी, हिंगना, पारशिवनी, मौदा, सावनेर, उमरेड और कळमेश्वर तहसीलों को शामिल किया गया है, जबकि भरतवाडा, पुनापुर, पारडी और भांडेवाड़ी क्षेत्रों को बाहर रखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना केवल विस्तार भर नहीं है, बल्कि योजनाबद्ध और स्मार्ट शहरी विकास का एक आदर्श मॉडल बनेगी। इससे रोजगार, उद्योग और आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे और पुराने शहर पर बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकेगा। ‘नया नागपुर’ न केवल शहर का नक्शा बदलेगा, बल्कि यह विदर्भ की अर्थव्यवस्था और भविष्य को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है।