- सुप्रीम कोर्ट का आदेश और मेयर की प्रतिक्रिया
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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
दिल्ली के मेयर (Delhi Mayor) इकबाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम्स में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता लंबे समय से इस समस्या का सामना कर रही थी और प्रशासन इसे अगले छह सप्ताह में लागू करने की पूरी कोशिश करेगा। मेयर ने भरोसा दिलाया कि एमसीडी और दिल्ली सरकार मिलकर अस्थायी और स्थायी शेल्टर होम बनाने के लिए काम करेंगे, ताकि लोगों को आवारा कुत्तों से होने वाली परेशानी से निजात मिल सके।
मनेका गांधी ने जताई आपत्ति
भाजपा सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मनेका गांधी ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे अव्यावहारिक करार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक भी सरकारी शेल्टर नहीं है, जबकि करीब तीन लाख आवारा कुत्तों के लिए कम से कम 3000 शेल्टर और 1.5 लाख सफाईकर्मियों की जरूरत होगी। इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने कम समय में इतनी जगह और संसाधन कहां से आएंगे। मनेका गांधी ने कहा कि यह आदेश ‘गुस्से में दिया गया फैसला’ है, जो व्यावहारिक दृष्टि से संभव नहीं है।
विरोध प्रदर्शन और हिरासत
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दिल्ली में कल रात इंडिया गेट पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं, रेस्क्यू वर्कर्स, देखभाल करने वालों और डॉग लवर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत प्रदर्शनकारियों को रोककर हिरासत में ले लिया। एक डॉग केयरगिवर ने आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया जा रहा है क्योंकि वे जानवरों को खाना खिलाने जैसे नेक काम करते हैं। उन्होंने कहा, “ये लोग हमें बोलने नहीं दे रहे हैं और सभी को जेल में डाल रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने आदेश दिया कि सभी इलाकों को आवारा कुत्तों से मुक्त किया जाए और इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पकड़े गए किसी भी जानवर को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। साथ ही, आदेश का विरोध करने या रोकने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश लागू होने के बाद राजधानी में आवारा कुत्तों को लेकर नई बहस छिड़ गई है।