- कोर्ट का सख्त रुख. सभी बस्तियां हो स्ट्रे-डॉग मुक्त
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नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली-एनसीआर की सभी बस्तियों को आवारा कुत्तों से मुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने स्पष्ट किया कि पकड़े गए किसी भी कुत्ते को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन पकड़ने की प्रक्रिया में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी। अदालत ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, एमसीडी और एनएमडीसी को निर्देश दिया कि वे विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों से कुत्तों को उठाने का काम शुरू करें और जरूरत पड़ने पर इसके लिए विशेष बल का गठन करें। साथ ही, डॉग बाइट शिकायतों के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने, चार घंटे के भीतर कार्रवाई करने, सीसीटीवी निगरानी और प्रतिदिन पकड़े गए कुत्तों का रिकॉर्ड रखने के निर्देश भी दिए गए।
वीर दास की अपील – अपनाएं इंडी डॉग
कोर्ट के आदेश के बीच बॉलीवुड अभिनेता और कॉमेडियन वीर दास ने इंस्टाग्राम पर दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इंडी डॉग (देशी नस्ल के कुत्ते) को गोद लें। उन्होंने लिखा, “अगर आप दिल्ली के निवासी हैं, तो मैं आपको मनाना चाहूंगा कि आप एक इंडी कुत्ता अपनाएं, हो सके तो एक से ज्यादा। वे बेहद स्वस्थ, कम खर्चीले और बेहद प्यार व अपनापन देने वाले होते हैं। अपने नजदीकी एनिमल वेलफेयर एनजीओ का सहयोग करें, मैं भी ऐसा ही करने की योजना बना रहा हूं।” वीर दास ने अपने दो गोद लिए हुए इंडी कुत्तों की तस्वीर भी साझा की, जिन्हें उन्होंने कुछ साल पहले सड़कों से अपनाया था।
जनता और संगठनों की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। एक वर्ग इसे जन-सुरक्षा के लिए जरूरी कदम मान रहा है, जबकि पशु-प्रेमी संगठन इसे पशु कल्याण सिद्धांतों के खिलाफ बता रहे हैं। कई लोग मानते हैं कि स्ट्रे-डॉग्स को पूरी तरह हटाने के बजाय उनके लिए टीकाकरण, नसबंदी और शेल्टर की सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए। एनजीओ और वॉलंटियर्स का कहना है कि अचानक बड़े पैमाने पर कुत्तों को हटाने से उनकी देखभाल में मुश्किलें आएंगी और शेल्टर की क्षमता पर भी दबाव पड़ेगा।
सेलिब्रिटी और पशु-प्रेमियों की राय
वीर दास के अलावा कई अन्य कलाकार और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने भी कोर्ट के आदेश पर चिंता व्यक्त की है। कुछ ने कहा कि इंसान और पशु के सह-अस्तित्व का समाधान तलाशना जरूरी है, जबकि कुछ ने शहरी सुरक्षा और स्वच्छता को प्राथमिकता देने की बात कही। बॉलीवुड अभिनेत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता जया भट्टाचार्य ने कहा कि स्ट्रे-डॉग्स के पुनर्वास के लिए सरकार को ठोस योजना बनानी चाहिए, ताकि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। वहीं, स्थानीय निवासियों का कहना है कि डॉग बाइट और बच्चों पर हमलों की घटनाएं कम करने के लिए यह कदम जरूरी है, लेकिन इसे मानवीय दृष्टिकोण से लागू किया जाना चाहिए।