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नागपुर।
महानगर पालिका (NMC) और ITDP इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से जारी नागपुर की पहली अर्बन स्ट्रीट्स (Urban roads) असेसमेंट रिपोर्ट ने शहर की सड़कों पर पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए गहरी चिंता जताई है। रिपोर्ट में कुछ नए डिजाइन किए गए मार्गों पर सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन समग्र तस्वीर चिंताजनक है। मार्च से सितंबर 2024 तक सात प्रमुख सड़कों चार पुनः डिजाइन की गई और तीन पुरानी पर सर्वे और 330 नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
रिंग रोड और सेंट्रल बाजार रोड की सबसे खराब हालत
रिपोर्ट में रिंग रोड को सबसे खतरनाक बताया गया, जिसने 30 में से मात्र 6.5 अंक हासिल किए। यहां 90% से ज्यादा पैदल यात्रियों को टूटी, गायब या पूरी तरह अनुपस्थित फुटपाथों के कारण सीधी सड़क पर चलना पड़ता है। यहां न तो साइकिल ट्रैक हैं और न ही सुरक्षित क्रॉसिंग। इसी तरह सेंट्रल बाजार रोड ने भी सिर्फ 6.75 अंक पाए। इस सड़क पर अतिक्रमण, खराब स्ट्रीट लाइटिंग और असंगत फुटपाथों के कारण स्कूली बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों समेत सभी पैदल यात्रियों को चलती ट्रैफिक के बीच से गुजरना पड़ता है।
तेज रफ्तार और बुनियादी सुविधाओं की कमी बढ़ा रही खतरा
रिपोर्ट में बताया गया कि नागपुर की कई शहरी सड़कों पर दोपहिया वाहन 75 किमी/घंटा तक की खतरनाक गति से चलते हैं, जो सुरक्षा मानकों से काफी ज्यादा है। अमरावती रोड, शंकरनगर रोड और ऑरेंज सिटी रोड जैसी अन्य सड़कों पर भी पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की कमी पाई गई। इन हालातों ने रोजाना हजारों लोगों, खासकर कमजोर वर्गों के लिए सड़क पर चलना खतरनाक बना दिया है।
एनएमसी की पहल और भविष्य की सिफारिशें
हालांकि, वर्धा रोड ए (अजनी से रहाटे कॉलोनी) ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जहां बेहतर फुटपाथ और सुरक्षित चौराहों के चलते 24.75 अंक मिले। मगर यह अपवाद की तरह है। रिपोर्ट के बाद एनएमसी ने डिजाइन सुधार और जंक्शन अपग्रेड की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही शहरभर में नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट (NMT) नीति लागू करने, सेफ स्कूल ज़ोन और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के उपायों की सिफारिश की गई है। अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत ने कहा, “यह हमारे लिए चेतावनी है। अब हमारी सड़कों को गाड़ियों से ज्यादा लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।”