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मुंबई।
महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। ठाकरे (Thackray) परिवार के दोनों युवा चेहरे आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे भी मंच पर साथ आए। विजय रैली में सुप्रिया सुले ने उन्हें मंच पर बुलाया, जिसके बाद आदित्य ठाकरे अपने चाचा राज ठाकरे के बगल में खड़े हुए, जबकि अमित ठाकरे चाचा उद्धव ठाकरे के पास आकर खड़े हुए। इस भावुक दृश्य ने पूरे महाराष्ट्र को एकता और मराठी अस्मिता के प्रति नए संकल्प का संदेश दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे परिवार की यह एकजुटता आगामी चुनावों में नया राजनीतिक समीकरण रच सकती है और सत्तारूढ़ गठबंधन के सामने नई चुनौती खड़ी कर सकती है।
‘कोई झंडा नहीं, सिर्फ़ मराठी’ का नारा
रैली में राज ठाकरे ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “आज की रैली का नारा है कोई झंडा नहीं, केवल मराठी एजेंडा।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मराठी भाषा को तिरछी नजर से देखने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज ठाकरे ने कहा, “विधानसभा में तुम्हारी ताकत है, मगर सड़क पर ताकत हमारे पास है।” उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदी मात्र 200 साल पुरानी भाषा है, फिर भी इसे जबरन थोपा क्यों जा रहा है? साथ ही उन्होंने कहा, “मराठी एकता बनी रहनी चाहिए, क्योंकि यही हमारी पहचान है।”
उद्धव ठाकरे का तीखा प्रहार
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में कहा, “बालासाहेब ने कहा था कि किसी पर अन्याय मत करो, लेकिन अगर कोई तुम पर हाथ उठाए, तो वह हाथ भी न रहने दो।” उन्होंने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा, “मराठी लोग कभी किसी राज्य में जाकर भाषाई गुंडागर्दी नहीं करते। लेकिन हमारे यहां के गद्दार ‘जय गुजरात’ के नारे लगाते हैं और फिर भी खुद को बालासाहेब का अनुयायी कहते हैं।” उद्धव ठाकरे ने कहा, “अगर अब भी आंखें नहीं खोलेंगे, तो फिर कभी मौका नहीं मिलेगा। होश गवां दिया, तो खुद को मराठी माता की संतान कहना बंद कर दो।”