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नागपुर।
महानगर पालिका (NMC) की ओर से मंगलवार को की गई एंटी-वेक्टर ड्राइव के दौरान एक दिन में 9,991 घरों की जांच में 351 घरों में मच्छरों (Mosquitoes) के लार्वा मिले। यह आंकड़ा आने वाले दिनों में डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के खतरे की घंटी बजा रहा है। एनएमसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने बताया, “कूलर, फ्रिज की ट्रे, खुले टैंक—हर जगह लार्वा पनप रहे हैं। जागरूकता अभियान के बावजूद लोग अब भी लापरवाही बरत रहे हैं।”
दस जोनों में हर दिन चल रही जांच
एनएमसी ने जून से अब तक 2.5 लाख से ज्यादा घरों की जांच की है। दस जोनों में रोजाना 100 ब्रीडिंग चेकर घर-घर जाकर छिपे हुए हॉटस्पॉट जैसे गमले, पुराने टायर और पानी की टंकियों की जांच कर रहे हैं। जहां भी लार्वा मिलते हैं, तुरंत नोटिस दिया जाता है और लार्विसाइड ट्रीटमेंट व फॉगिंग की जाती है। सिर्फ घर ही नहीं, शहर के 1.13 लाख से अधिक खाली प्लॉट्स पर भी नजर रखी जा रही है। जिन प्लॉट मालिकों ने पानी जमा होने से नहीं रोका, उन्हें कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं और दोहराए जाने पर अभियोजन की तैयारी है।
अब तक के आंकड़े और नागरिकों से अपील
साल 2025 में अब तक नागपुर में डेंगू के 7 पुख्ता मरीज, 140 संदिग्ध मामले, चिकनगुनिया के 5 मरीज और 53 संदिग्ध केस सामने आ चुके हैं। हर पॉजिटिव केस के बाद 25 आसपास के घरों का कंटेनमेंट सर्वे और फॉगिंग की जा रही है। एनएमसी ने नागरिकों से हर शुक्रवार ‘ड्राय डे’ मनाने और घरों में जमा पानी को हटाने की अपील की है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नागरिकों के सहयोग के बिना यह लड़ाई अधूरी रह जाएगी। बरसात जारी है और शहर समय से दौड़ रहा है—मच्छरों से जंग में।