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मुंबई।
शिवसेना (ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रस्तावित जन सुरक्षा विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए इसे ‘BJP सुरक्षा विधेयक’ करार दिया। ठाकरे ने कहा कि इस विधेयक में नक्सलवाद का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जबकि सरकार दावा कर रही है कि यह नक्सलवाद खत्म करने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने इसे पूर्व में लागू ‘टाडा’ जैसा कानून बताते हुए कहा कि इस विधेयक से विपक्ष को डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है। ठाकरे ने तीखा तंज कसते हुए पूछा, ‘‘नक्सलवाद खत्म हो रहा है, फिर ये कानून किसके लिए?’’ ठाकरे ने कहा कि इस कानून में ‘अवैध कृत्य’ की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी गई है, जिससे सत्ता में बैठे लोग इसका मनचाहा इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून की आड़ में लोकतांत्रिक विरोध की आवाजें दबाना चाहती है।
‘राजनीतिक दुरुपयोग की बू आती है’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जन सुरक्षा विधेयक से राजनीतिक दुरुपयोग की बू आती है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई भी भाजपा की नीतियों का विरोध करता है, तो उसे राष्ट्रविरोधी ठहराकर जेल भेजा जा सकता है।’’ ठाकरे ने पूछा कि इस कानून में ‘हार्ड लेफ्ट विचारधारा’ का जिक्र क्यों है, जबकि नक्सलवाद शब्द तक नहीं लिखा गया। ठाकरे ने सरकार से पूछा, ‘‘आप क्या सच में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ना चाहते हैं या फिर विपक्ष को कुचलना चाहते हैं?’’ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मनमानी की, तो जनता जवाब देना जानती है।
‘हम देशविरोधी ताकतों के खिलाफ सरकार के साथ, पर…’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी देशविरोधी ताकतों के खिलाफ सरकार के साथ है, लेकिन यह कानून पूरी तरह राजनीतिक मकसद से लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधेयक में यह भी स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में किसी को हिरासत में लिया जा सकता है। ‘‘आप किसी को भी कभी भी गिरफ्तार कर सकते हैं, सिर्फ इसलिए कि वह आपके खिलाफ बोलता है,’’ ठाकरे ने कहा। उन्होंने दोहराया कि सरकार बहुमत के बल पर यह कानून लाने जा रही है, लेकिन इससे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचेगा। ठाकरे ने मांग की कि अगर यह सच में नक्सलवाद खत्म करने के लिए है, तो उसमें नक्सलवाद का नाम साफ-साफ लिखा जाना चाहिए।
‘बिना सिर-पैर का कानून’
ठाकरे ने कहा कि यह कानून बिना सिर-पैर का है, जो सिर्फ डर का माहौल बनाने के लिए लाया जा रहा है। ‘‘अगर सरकार समझती है कि भाजपा के खिलाफ बोलना राष्ट्रविरोध है, तो ये मानसिक दिवालियापन है,’’ उन्होंने कहा। ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर यह कानून पारित हुआ, तो कल कोई भी व्यक्ति सिर्फ विचार व्यक्त करने पर जेल भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता को डराकर चुप कराने की कोशिश ज्यादा दिन नहीं चलेगी और लोकतंत्र में जनता ही असली ताकत है। ठाकरे ने आखिर में दोहराया कि यह विधेयक ‘जन सुरक्षा’ के नाम पर सिर्फ ‘BJP सुरक्षा’ के लिए है।