सरकार का सख्त रुख! इंडिगो फ्लाइट अव्यवस्था पर बड़ा बयान

    08-Dec-2025
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- नई सुरक्षा नियमों के बीच इंडिगो पर केंद्र का शिकंजा

Big statement on IndiGo flight disruptionImage Source:(Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
इंडिगो (IndiGo) में लगातार तीन दिनों से जारी क्रू की भारी कमी के कारण देशभर में उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रहे और सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इस गंभीर स्थिति के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने राज्यसभा में स्पष्ट कहा कि यह संकट इंडिगो की आंतरिक संचालन व्यवस्था की विफलता का परिणाम है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार इस मामले में “कड़े कदम” उठाने जा रही है और “हर एयरलाइन के लिए उदाहरण” पेश किया जाएगा।

‘कड़े एक्शन’ की चेतावनी, विपक्ष का वॉकआउट
राज्यसभा में बोलते हुए नायडू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रही है, क्योंकि यात्रियों को बड़े पैमाने पर परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने बताया कि पायलट थकान कम करने के लिए दो साल पहले जारी नए सुरक्षा नियमों के तहत पायलटों के लिए अधिक आराम समय अनिवार्य किया गया था। मंत्री के अनुसार, इंडिगो को इसकी पहले से जानकारी थी और उसे अपने रोस्टर व क्रू प्रबंधन को उसी अनुसार तैयार रखना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हम पायलटों, क्रू और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। नियमों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।” इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार पर संकट प्रबंधन में विफल रहने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया।
 
इंडिगो संकट के पीछे की चुनौतियां उजागर
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन होने के नाते इंडिगो रोजाना करीब 2,200 उड़ानें संचालित करती है। ऐसे में नए सुरक्षा मानकों के लागू होने से उसके त्वरित संचालन मॉडल पर दबाव बढ़ा। नियमों के चलते अधिक पायलटों की जरूरत पड़ी, पर रिपोर्ट्स के अनुसार इंडिगो इस आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकी। इससे बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों की शादियों, यात्राओं व पेशेवर कार्यक्रमों पर इसका सीधा असर पड़ा।
 
क्षेत्र में डुपोलि का सवाल और सरकार का जवाब
इंडिगो संकट के बीच विपक्ष ने एयरलाइन क्षेत्र में डुपोलि की स्थिति पर चिंता जताई, जहाँ इंडिगो और एयर इंडिया बाजार पर हावी हैं। हालांकि, नायडू ने स्पष्ट किया कि सरकार ने हमेशा नई एयरलाइनों के प्रवेश को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में कम से कम पाँच बड़ी एयरलाइनों को संचालित होने की क्षमता है। वहीं डीजीसीए ने स्थिति सामान्य करने के लिए अस्थायी रूप से नए नियमों में कुछ राहत दी है ताकि संचालन सुचारू हो सके।