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नागपुर।
नागपुर के चिकित्सा जगत में शोक और अविश्वास का माहौल है। प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन (Neurosurgeon) और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे का बुधवार तड़के आकस्मिक निधन हो गया। वे 50 वर्ष के थे और धंतोली स्थित न्यूरॉन हॉस्पिटल से लंबे समय से जुड़े थे। जानकारी के अनुसार, तड़के उन्हें अचानक मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) आया। तत्काल उपचार और लंबे समय तक सीपीआर दिए जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। बताया जाता है कि सुबह लगभग 4.30 बजे से ही वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट मौके पर मौजूद थे और लगातार प्रयास करते रहे, परंतु सुबह 6 बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली।
हजारों मरीजों के भरोसे का चेहरा
डॉ. पाखमोडे को मध्यभारत के प्रमुख न्यूरोसर्जनों में गिना जाता था। उनकी विशेषज्ञता, शांत स्वभाव और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता ने उन्हें एक विश्वसनीय डॉक्टर के रूप में पहचान दिलाई थी। उन्होंने अपने करियर में हजारों मरीजों का उपचार किया और जटिल न्यूरोसर्जिकल सेवाओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके जाने से न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी कमी महसूस की जा रही है, बल्कि वे मरीज और परिवार भी शोकाकुल हैं, जिन्होंने मुश्किल घड़ी में उन पर भरोसा किया था।
डॉक्टर्स फ्रेटरनिटी ने खोया मार्गदर्शक
मेडिकल फ्रेटरनिटी के डॉक्टरों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। सहकर्मियों ने उनकी प्रोफेशनल डेडिकेशन, सरल स्वभाव और ह्यूमन टच को याद करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक डॉक्टर नहीं, बल्कि मरीजों के लिए सच्चे संरक्षक थे। नागपुर शहर भर से श्रद्धांजलि संदेश लगातार पहुंच रहे हैं। डॉक्टर, मरीज और परिचितों ने सोशल मीडिया और व्यक्तिगत माध्यमों से गहरा दुख व्यक्त किया है। डॉ. चंद्रशेखर पाखमोडे की विरासत एक कुशल सर्जन, संवेदनशील चिकित्सक और सच्चे हीलर के रूप में लंबे समय तक याद की जाती रहेगी।