बढ़ी सुरक्षा, बढ़ा खर्च: न्यू ईयर पार्टी पर कड़ी नजर

    31-Dec-2025
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New Year parties
 Image Source:(Internet)
नागपुर:
नए साल (New Year) का स्वागत करने को नागपुर शहर तैयार है, लेकिन इस बार शहर का नाइटलाइफ़ सिर्फ़ रोशनी और म्यूज़िक तक सीमित नहीं रहेगा। क्लबों और पार्टी स्थलों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए जा रहे हैं। निजी बाउंसरों की मांग अचानक बढ़ गई है और इसी के साथ उनकी फीस भी दोगुनी हो चुकी है। पहले जहां आयोजकों को प्रति बाउंसर 1000 से 1200 रुपये तक खर्च करना पड़ता था, वहीं अब यह राशि बढ़कर लगभग 2000 रुपये प्रतिदिन पहुंच गई है। हालिया हिंसक घटनाओं ने आयोजकों को सतर्क कर दिया है, जिससे सुरक्षा बजट पहले की तुलना में कहीं अधिक हो गया है।
 
वर्धा रोड क्लब में हिंसा के बाद बढ़ी सख्ती
क्रिसमस पार्टी के दौरान वर्धा रोड स्थित एक क्लब में हुई घातक झड़प ने शहर को झकझोर दिया था। विरोधी गुटों के बीच शुरू हुई मारपीट ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें दो युवाओं की मौत हो गई। पुलिस जांच में कई सुरक्षा और संचालन संबंधी कमियां सामने आने के बाद क्लब को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। इस घटना ने शहर के तमाम क्लब संचालकों को चेतावनी का स्पष्ट संदेश दिया कि सुरक्षा में जरा–सी ढिलाई भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

सिविल लाइंस में भी हुआ हमला, आयोजक सतर्क
क्रिसमस की रात सिविल लाइंस के एक अन्य क्लब में भी एक युवक पर ग्लास से हमला कर घायल करने की घटना सामने आई। इन लगातार होती वारदातों ने न सिर्फ़ ग्राहकों, बल्कि आयोजकों और होटल उद्योग से जुड़े लोगों में भी चिंता बढ़ा दी है। अब हर आयोजन स्थल पर प्रशिक्षित बाउंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है, प्रवेश द्वारों पर सख्त तलाशी प्रक्रिया लागू की जा रही है और भीड़ नियंत्रण के स्पष्ट नियम तय किए जा रहे हैं। आयोजकों का मानना है कि अतिरिक्त खर्च उठाकर भी सुरक्षा को प्राथमिकता देना अब अनिवार्य हो गया है।
 
सुरक्षा पहले, जश्न बाद में
पुलिस विभाग भी 31 दिसंबर की रात को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। देर रात तक चलने वाली पार्टियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या हिंसा को तुरंत रोका जा सके। ऐसे में इस साल नागपुर की न्यू ईयर ईव पहले की तुलना में ज़्यादा अनुशासित और सुरक्षित माहौल में मनाए जाने की उम्मीद है। शहर की नाइटलाइफ संस्कृति में यह बदलाव स्पष्ट संकेत देता है कि अब मनोरंजन से पहले सुरक्षा को तरजीह दी जा रही है और यही सतर्कता शायद नए साल का सबसे महत्वपूर्ण संकल्प भी बन सकती है।