Image Source:(Internet)
नागपुर।
महाराष्ट्र विधान परिषद का शीतकालीन अधिवेशन (Winter Session) रविवार को औपचारिक रूप से संपन्न हो गया। सदन के समापन के साथ ही यह घोषणा की गई कि अगला अधिवेशन 23 फरवरी 2026 से मुंबई में प्रारंभ होगा। सीमित अवधि के बावजूद यह सत्र अनुशासित और सुचारू संचालन के लिए चर्चा में रहा। कुल 7 बैठकों में परिषद ने 48 घंटे 16 मिनट तक कार्य किया, जिसमें केवल 40 मिनट का समय बाधित हुआ। प्रतिदिन औसतन 6 घंटे 53 मिनट की कार्यवाही ने सदन की सक्रियता को दर्शाया।
उपस्थिति और प्रश्नकाल की प्रभावी भूमिका
इस अधिवेशन में सदस्यों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कुल उपस्थिति 88.68 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि औसत उपस्थिति 75.47 प्रतिशत रही। प्रश्नकाल के दौरान 1,900 से अधिक तारांकित प्रश्न पंजीकृत किए गए, जिनमें से 280 को स्वीकृति मिली। इसके अलावा 3 शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जो सदन की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। इस दौरान 6 अध्यादेश भी परिषद के पटल पर रखे गए, जिन पर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गई।
विधायी कार्य और समग्र मूल्यांकन
विधान परिषद में कुल 472 सूचनाएं प्रस्तुत की गई, जिनमें से 97 को स्वीकार किया गया और 25 पर विस्तार से चर्चा हुई। ‘प्वाइंट ऑफ ऑर्डर’ के अंतर्गत 110 मुद्दे उठाए गए, जिनमें से 87 पर सदन में विमर्श हुआ। विधायी कार्य की बात करें तो परिषद ने 4 सरकारी विधेयकों को मंजूरी दी, वहीं विधानसभा से पारित 14 विधेयकों पर भी अपनी सहमति दी। कुल मिलाकर, कम समय के बावजूद नागपुर में आयोजित यह शीतकालीन अधिवेशन प्रभावी, संतुलित और परिणामोन्मुख रहा, जिसने संसदीय परंपराओं को मजबूती प्रदान की।