महाराष्ट्र विधानसभा में अनोखा विरोध: तेंदुए की पोशाक पहनकर पहुंचे विधायक

    11-Dec-2025
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protest in Maharashtra Assembly
 Image Source:(Internet)
नागपुर।
महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब जुन्नर के निर्दलीय विधायक शरद सोनवणे तेंदुए की प्रिंट वाली पोशाक पहनकर सदन पहुंचे। बढ़ते तेंदुआ हमलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए उन्होंने यह अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने कहा कि राज्यभर में, खासकर ग्रामीण और जंगल से सटे इलाकों में तेंदुआ हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इस पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। उसी दिन नागपुर के पारडी इलाके में तेंदुए के हमले में सात लोग घायल हुए, जिसके बाद वन विभाग ने सुबह हुई घटना के कुछ घंटे बाद ही तेंदुए को पकड़ लिया।
 
2014 से उठा रहे हैं मुद्दा, 55 मौतों का दावा
मीडिया से बात करते हुए सोनवणे ने कहा, “कई लोगों की जान जा चुकी है। मैं 2014 से इस मुद्दे को उठा रहा हूं। तेंदुआ हमलों को ‘आपदा’ घोषित किया जाना चाहिए। जुन्नर और अहिल्यानगर में दो रेस्क्यू सेंटर तुरंत बनाए जाएं। मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर जल्द कदम उठाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि उनके क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में 55 लोगों की मौत तेंदुआ हमलों में हुई है। सोनवणे ने कहा कि लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है, इसलिए सरकार ऐसे रेस्क्यू सेंटर बनाए जो 2,000 तक तेंदुओं को आश्रय दे सकें।
 
वन मंत्री : 1 करोड़ की बकरियां जंगल में छोड़ो
इस बीच, मंगलवार को महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाईक ने एक विचित्र सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि तेंदुए हमलों में चार लोगों की मौत पर सरकार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना पड़ता है, तो उसके बजाय जंगलों में 1 करोड़ रुपये मूल्य की बकरियां छोड़ देनी चाहिए, ताकि तेंदुए प्राकृतिक शिकार मिलने पर बस्तियों की ओर न आएं। वह यह बयान एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड द्वारा बढ़ते तेंदुआ हमलों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में दे रहे थे। नाईक ने बताया कि अहिल्यानगर, पुणे और नासिक में तेंदुआ-मानव संघर्ष की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं।