Image Source:(Internet)
नागपुर।
महाराष्ट्र राज्य के ग्राम स्तर पर कानून-व्यवस्था संभालने वाले पुलिस पाटिलों (Police Patils) की लंबित मांगों ने शीतकालीन अधिवेशन में जोर पकड़ लिया है। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि तत्काल निर्णय नहीं लिया गया तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस संदर्भ में विधायकों, मंत्रियों और सरकारी प्रमुखों को ज्ञापन सौंपा गया है। संगठन ने घोषणा की है कि अपनी प्रमुख मांगों को लेकर कल नागपुर में भव्य मोर्चा निकाला जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पदाधिकारियों ने बताया कि 2019 के बाद से मानधन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि महंगाई और जिम्मेदारियां तेजी से बढ़ी हैं।
मानधन वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा की मांग तेज
संगठन के पदाधिकारियों अध्यक्ष शिवाजी राजघर कोलते पाटिल, संस्थापक सचिव कमलाकर मांगे पाटिल सहित अन्य ने कहा कि गांवों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में पुलिस पाटिलों को मिलने वाला मानधन न्यूनतम जरूरतों को भी पूरा नहीं करता। संगठन की मुख्य मांग है कि मानधन बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिमाह किया जाए। इसके साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन या अन्य आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए, ताकि पुलिस पाटिल सम्मान के साथ जीवनयापन कर सकें। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को सरकारी सहायता देने और सरकारी नौकरी तथा आवासीय योजनाओं में प्राथमिकता देने की मांग भी उठाई गई है।
सेवा शर्तों में सुधार और संरचनात्मक सुविधाओं की जरूरत
संगठन ने यह भी कहा कि पुलिस पाटिलों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 वर्ष की जाए और कार्यक्षेत्र में अधिकारों की स्पष्टता सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त तहसील और जिला स्तर पर स्वतंत्र ‘पुलिस पाटिल भवन’ निर्माण की मांग भी दोहराई गई है, ताकि संगठनात्मक गतिविधियों और प्रशिक्षण के लिए स्थायी स्थान उपलब्ध हो सके। पदाधिकारियों ने बताया कि 3 दिसंबर 2024 को नागपुर में हुई बैठक में ये सभी मुद्दे सरकार के समक्ष रखे गए थे, परंतु अभी तक कोई ठोस फैसला न होने से राज्यभर में पुलिस पाटिलों में रोष व्याप्त है।