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नागपुर।
बीजेपी विधायक कृष्णा खोपडे (Krishna Khopade) को आई फोन धमकी का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा सत्र में जोरदार तरीके से उठा। खोपडे ने सदन में बताया कि नागपुर ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना में अनियमितताओं को लेकर जब उन्होंने सवाल उठाए, उसी के बाद उन्हें कथित तौर पर तुकाराम मुंढे के एक समर्थक ने धमकी दी। इस बीच, उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी में लगभग 20 करोड़ रुपये के संदिग्ध भुगतानों और महिला अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के दो मामले पुलिस में दर्ज हैं। इस पूरे प्रकरण पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए ठप कर दी।
मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप, कार्रवाई का आश्वासन
सदन में बढ़ते तनाव के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप करते हुए विधायक खोपडे को धमकी देने वाले व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि तुकाराम मुंढे से संबंधित संपूर्ण जानकारी एकत्रित करने के बाद तथ्याधारित बयान सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद भी सदन में हलचल जारी रही, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी जनप्रतिनिधि की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष का बचाव और प्रशासनिक राजनीति पर बहस तेज
इसी दौरान कांग्रेस के विधायी दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने तुकाराम मुथे का बचाव करते हुए कहा कि तत्कालीन आयुक्त की रिपोर्ट में मुथे को निर्दोष बताया गया था। साथ ही महिला आयोग ने शिकायतकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। वडेट्टीवार ने सरकार से मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की। इस तकरार ने सदन में प्रशासनिक निर्णय-प्रक्रिया, शक्ति-संतुलन और राजनीति के हस्तक्षेप पर नई बहस छेड़ दी है। तुकाराम मुथे प्रकरण को लेकर जारी यह गर्मागर्मी आगामी सत्रों में भी चर्चा का केंद्र बनी रह सकती है।