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नागपुर:
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (MSRDC) द्वारा विकसित किया जा रहा *नागपुर-गोवा (पावनार–पत्रादेवी) शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे (Shakti Peetha Expressway) राज्य में कनेक्टिविटी का नया युग शुरू करने जा रहा है। 802.6 किलोमीटर लंबा यह छह लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल ग्रीनफील्ड कॉरिडोर नागपुर से गोवा सीमा तक सीधे जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय घटकर मात्र 8 घंटे रह जाएगा। यह परियोजना व्यापार, पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
राज्य के प्रमुख मार्गों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग बनेगा। इसके अंतर्गत कई इंटरचेंज तैयार किए जा रहे हैं, जिनसे यह अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा जैसे जालना–नांदेड एक्सप्रेसवे (परभणी के पास), सूरत–चेन्नई एक्सप्रेसवे (तुलजापुर के पास) और पुणे–बेंगलुरु एक्सप्रेसवे (तासगांव के पास)। इन कनेक्शनों के माध्यम से वाहन चालक पूर्व से पश्चिम तक पूरे महाराष्ट्र की यात्रा पूरी तरह एक्सप्रेसवे नेटवर्क के माध्यम से कर सकेंगे। इससे राज्य के औद्योगिक और धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।
12 जिलों में तेजी से चल रहा सर्वे कार्य, धार्मिक स्थलों से भी होगा संपर्क
वर्तमान में परियोजना का संयुक्त मापन कार्य राज्य के 12 जिलों में जारी है, जिसमें विदर्भ क्षेत्र में विशेष प्रगति दर्ज की गई है। केवल कोल्हापुर जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। “शक्ति पीठ एक्सप्रेसवे” नाम इस मार्ग की धार्मिक महत्ता को दर्शाता है, क्योंकि यह माहूर, तुलजापुर और कोल्हापुर जैसे प्रमुख शक्तिपीठों को जोड़ता है। लगभग 20,787 करोड़ रूपये (भूमि अधिग्रहण सहित) की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना आर्थिक विकास के साथ-साथ धार्मिक आस्था और पर्यटन को भी सशक्त बनाएगी।