नागपुर, मुंबई, पुणे और संभाजीनगर में प्रदर्शन
स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका
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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
डॉ. संपदा मुंडे (Dr Sampada Munde) की मौत के बाद महाराष्ट्र के डॉक्टरों में गुस्सा फूट पड़ा है। नागपुर के सरकारी अस्पतालों में रविवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और न्याय की मांग की। यह आंदोलन अब राज्यव्यापी रूप ले चुका है। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) ने सोमवार, 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। इसके तहत नागपुर सहित राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद रही। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने शीघ्र और ठोस कार्रवाई नहीं की, तो आपातकालीन सेवाओं को भी निलंबित किया जा सकता है।
फलटण अस्पताल में तैनात डॉक्टर की संदिग्ध मौत से मचा हड़कंप
28 वर्षीय डॉ. संपदा मुंडे, जो सतारा जिले के फलटण उपजिला अस्पताल में कार्यरत थीं, 22 अक्टूबर को एक होटल कमरे में मृत पाई गईं। वे बीड जिले की रहने वाली थीं। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें एक पुलिस उपनिरीक्षक और दो अन्य लोगों के नाम लिखे थे, जिन्होंने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। इस घटना ने न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के चिकित्सक समुदाय को झकझोर दिया है। सतारा पुलिस ने फिलहाल उपनिरीक्षक गोपाल बडने और प्रशांत बंकर को बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वहीं डॉक्टर के परिजनों का आरोप है कि उन पर राजनीतिक दबाव डालकर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हेरफेर करने का प्रयास किया जा रहा था।
MARD की मांगें : न्यायिक पर्यवेक्षण में जांच और डॉक्टरों की सुरक्षा
MARD ने सरकार से मांग की है कि मामले की जांच न्यायिक पर्यवेक्षण में विशेष जांच दल (SIT) के माध्यम से की जाए, जिसकी अगुवाई किसी सेवानिवृत्त महिला IPS अधिकारी और हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा की जाए। इसके अलावा, डॉक्टरों ने बीड में फास्ट-ट्रैक ट्रायल, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट के लागू करने, और स्वतंत्र मेडिकल ग्रीवेंस रिड्रेसल अथॉरिटी बनाने की मांग रखी है।
संगठन ने ₹5 करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है। इसके साथ ही डॉक्टरों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली, सभी अस्पतालों में POSH समिति की सक्रियता और सीसीटीवी फुटेज तथा कॉल रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की मांग भी उठाई है।
‘यह आंदोलन किसी एक डॉक्टर का नहीं, पूरी चिकित्सा बिरादरी का है’
रविवार को मुंबई और नागपुर में डॉक्टरों ने #JusticeForDoctors और #JusticeForPhaltanMO जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया अभियान चलाया। गेटवे ऑफ इंडिया और सीएसएमटी पर डॉक्टरों ने मोमबत्ती मार्च निकाला। संभाजीनगर में भी रविवार को सैकड़ों डॉक्टर सड़कों पर उतरे।
MARD ने अपने बयान में कहा, “यह आंदोलन किसी एक डॉक्टर का नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा और सम्मान का सवाल है। अगर सरकार ने शीघ्र न्याय नहीं दिलाया, तो आजाद मैदान पर विशाल जनआंदोलन होगा।” विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने भी डॉक्टरों से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।