दिल्ली ब्लास्ट जांच की दिशा बदली! अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद सिद्दीकी पर नई जांच की आंच

    13-Nov-2025
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Javed Siddiqui
 Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क :
लाल किले के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al Falah University) के संस्थापक और ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी को जांच के दायरे में लिया है। सामने आया है कि यूनिवर्सिटी में ही ब्लास्ट केस के दो मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद और मुज़म्मिल शकील कार्यरत थे। पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस संस्थान की फंडिंग पैटर्न को लेकर जांच कर रहा है, लेकिन अब सिद्दीकी के व्यापक कारोबारी नेटवर्क और पुराने वित्तीय घोटाले से जुड़े आरोपों की भी तहकीकात शुरू कर दी गई है।
 
9 कंपनियों का जाल, एक ही पते से संचालन
जावेद सिद्दीकी मध्यप्रदेश के महू में जन्मे हैं और वे अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से नौ कंपनियों का संचालन करते रहे हैं। इन कंपनियों का दायरा शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्र तक फैला हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी कंपनियों का पंजीकृत पता एक ही है — दिल्ली के जामिया नगर स्थित अल-फलाह हाउस। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह साझा पता अब संभावित संदिग्ध बिंदु बन गया है। इन फर्मों में अल-फलाह इन्वेस्टमेंट, अल-फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन, अल-फलाह डेवलपर्स प्रा. लि., अल-फलाह एजुकेशन सर्विसेज, एमजेएच डेवलपर्स, अल-फलाह सॉफ्टवेयर, अल-फलाह एनर्जीज और तर्बिया एजुकेशन फाउंडेशन शामिल हैं।
 
मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन पर गंभीर सवाल
इनमें से ज्यादातर कंपनियां 2019 तक सक्रिय रहीं और बाद में बंद हो गईं, लेकिन अल-फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन अब भी कार्यरत है। इसी संस्थान में सईद और शकील की मुलाकातें होती थीं और यहीं कथित तौर पर 32 कारों में ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। 78 एकड़ में फैला यह कैंपस अब NAAC की जांच के दायरे में भी है। वहीं, जामिया नगर स्थित अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय से ही इन सभी गतिविधियों के संचालन की बात सामने आ रही है, जिससे जांच और गहरी हो गई है।