नटराज आर्ट एंड कल्चर सेंटर की अनोखी पहल बनी यादगार
नागपुर।
रविवार का दिन नागपुर के कला प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक बन गया, जब नटराज आर्ट एंड कल्चर सेंटर (Nataraj Art and Culture Center) के रजत महोत्सव भवन में 12 घंटे तक निरंतर ‘अखंड घुंघरू नाद’ गूंजता रहा। शास्त्रीय नृत्य की इस अलौकिक साधना ने पूरे वातावरण को भक्ति और उत्सव के रंग में रंग दिया। प्रातः 7 बजे दीप प्रज्वलन, नटराज पूजन और मंगलध्वनि के साथ इस अद्भुत नृत्य महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में धरमपेठ एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष एड. उल्हास औरंगाबादकर, सचिव सुरेश देव, समाजसेविका अरुणा पुरोहित और नटराज सेंटर के प्राचार्य डॉ. रवींद्र हरिदास विशेष रूप से उपस्थित रहे।
आठ शास्त्रीय नृत्य शैलियों का संगम
इस आयोजन की शुरुआत अवंती काटे और पूजा हिरवाडे की थीम सॉन्ग प्रस्तुति से हुई, जिसने पूरे कार्यक्रम का भाव जीवंत कर दिया। इसके बाद 43 संस्थानों के 220 कलाकारों ने एक के बाद एक 78 प्रस्तुतियां दीं। भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, ओडिसी, मोहिनीयाट्टम, मणिपुरी, सत्रिया और कथकली इन आठ शास्त्रीय नृत्य शैलियों का ऐसा अद्भुत संगम एक ही मंच पर देखने को मिला। चार चरणों में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कलाकारों के घुंघरू एक पल के लिए भी शांत नहीं हुए। गुरुओं की विशेष प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को साधना और नृत्य तपस्या में परिवर्तित कर दिया।
गुरुओं का हुआ सम्मान, सामूहिक नृत्य से हुआ समापन
कार्यक्रम के समापन पर सभी नृत्य शैलियों के कलाकारों ने ‘अखंड घुंघरू नाद’ थीम सॉन्ग पर सामूहिक नृत्य किया, मानो मंच पर नटराज स्वयं तांडव कर रहे हों। इस अवसर पर मणिपुरी गुरु चनुलिमा, सरिता देवी, रोनिता, केरल के कलामंडलम अखिल वर्मा, अमरावती के ओडिसी गुरु मोहन बोडे, नागपुर की कथक गुरु ललिता हारदस, भरतनाट्यम की श्रीमती मडकळकर और सत्रिया नृत्यांगना तनवीर कौर को सम्मानित किया गया। इस 12 घंटे के नृत्य अनुष्ठान की सफलता में डॉ. रवींद्र हरिदास, डॉ. सदानंद चौधरी, अवंती काटे, पूजा हिरवाडे, मौक्तिक काटे, अक्षय तिजारे, पल्लवी परस्कर, नेहा मालवे, तुषार राऊत, विलास महाजन और हर्षल बारापात्रे का विशेष योगदान रहा।