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नागपुर :
राज्य के जमीन खरीद-फरोख़्त कार्यालयों में भ्रष्टाचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने नागपुर के खामला स्थित द्वितीयक उप-पंजीयक कार्यालय में अचानक छापा मारा। निरीक्षण के दौरान मंत्री को कार्यालय के एक दराज में 5 हजार रुपये नकद बरामद हुए, जो कथित रूप से रिश्वत के तौर पर रखे गए थे। इस छापे के दौरान पत्रकार और कैमरे भी मौजूद थे, जिससे पूरा मामला सार्वजनिक हो गया। मंत्री को यहाँ भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते उन्होंने तुरंत कार्रवाई की।
संयुक्त उप-पंजीयक निलंबित, आदेश जारी
छापे के बाद राजस्व मंत्री ने तुरंत संयुक्त उप-पंजीयक ए.टी. कपाले के निलंबन का आदेश जारी किया। आदेश में स्पष्ट किया गया कि कपाले मुख्यालय बिना सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के नहीं छोड़ सकते। राजस्व मंत्री का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से कार्यालय में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। नागपुर के नागरिकों की शिकायतें लगातार यह संकेत दे रही थीं कि पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय में रिश्वत की घटनाएँ आम हो गई हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।
आदेश लागू, जांच जारी
निलंबन आदेश लागू रहने तक ए.टी. कपाले का पद यथावत रहेगा और उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है। राजस्व मंत्री ने पुलिस को भी जांच के आदेश दिए हैं ताकि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। मंत्रालय का कहना है कि राज्य के सभी जिलों और तालुकाओं में ऐसे कार्यालयों में नियमित निरीक्षण किया जाएगा। इस कदम को आम जनता में स्वागत मिला है और अधिकारियों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटेगी।