- लाखों की संपत्ति खाक, खुली प्रशासन की आंखें
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नागपुर।
आठ रास्ता (Aath Rasta) चौक स्थित श्री योगिराज सुवियोग पैलेस जहां*रिलायंस स्मार्ट सुपर स्टोर संचालित था में 21 अक्टूबर को भीषण आग लगी थी। इसने 50–60 लाख रूपये की संपत्ति को राख में बदल दिया। लेकिन इस हादसे ने सिर्फ इमारत नहीं जलाई, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और कॉर्पोरेट गैर-जिम्मेदारी की पोल खोल दी। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इमारत की अनिवार्य पार्किंग को गैरकानूनी रूप से गोदाम में बदल दिया गया था, जहां टॉयलेट क्लीनर, खाने का तेल और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं भरी हुई थीं। खुले पार्किंग स्थल की जगह ‘टिक-टिक करता टाइम बम’ बन गया था, जिसने आग लगते ही पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया।
निवासियों की चेतावनियां बनीं ‘पृष्ठभूमि का शोर’
68 वर्षीय निवासी अनिल द्वारकादास गांधी ने बताया, “अगर पार्किंग वैसी ही रहती जैसी योजना में थी, तो आग इतनी तेजी से नहीं फैलती। हमने एनएमसी और मॉल प्रबंधन दोनों को कई बार चेताया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।” गांधी ने इस बाबत औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह उल्लंघन *महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर रचना अधिनियम, 1966 की धारा 52 और 53 के तहत दंडनीय है। इसके अलावा, यूडीसीपीआर के नियमों और नेशनल बिल्डिंग कोड (पार्ट 4) के प्रावधानों का भी उल्लंघन हुआ है, जिसके अनुसार हर वर्ष अग्नि सुरक्षा ऑडिट आवश्यक होता है।
हादसे के बाद जागा प्रशासन, शुरू हुई जांच
घटना के मीडिया में उजागर होते ही एनएमसी के लक्ष्मी नगर जोन के अधिकारी हरकत में आए और बिल्डिंग मालिक व मॉल प्रबंधन को नोटिस देने की बात कही। लेकिन नागरिकों का कहना है कि यह जागरूकता अब बहुत देर से आई है। “एनएमसी हमेशा हादसे के बाद ही जागता है,” गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा। फिलहाल बजाज नगर पुलिस ने लापरवाही और मानव जीवन को खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है। संरचनात्मक और अग्नि सुरक्षा जांच शुरू हो चुकी है पर सवाल वही है कि क्या अगली बार भी प्रशासन को जगाने के लिए एक और आग लगेगी?