दीपोत्सव के दिन किले पर घटा विवाद
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वसई किले (Vasai Fort) में दीपोत्सव के दिन एक अप्रत्याशित घटना सामने आई। ‘किल्ले वसई मोहीम परिवार’ और ‘अनाम प्रेम महाराष्ट्र’ द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों दीये जलाकर स्वतंत्रता संग्राम के ज्ञात-अज्ञात वीरों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी। इसी बीच, छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा में आए एक युवक को फोटो खींचने से रोक दिया गया। यह रोक वहां तैनात एक हिंदी भाषी सिक्योरिटी गार्ड ने लगाई, जिसने युवक से कहा, “हिंदी में बोलो, मुझे मराठी नहीं आती।”
वायरल हुआ वीडियो
गार्ड के इस व्यवहार से नाराज युवक ने आपत्ति जताई और कहा कि महाराष्ट्र की धरती पर मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों के बीच हुए तीखे वाद-विवाद का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में युवक स्पष्ट रूप से कहता नजर आ रहा है, “तुम्हें मराठी नहीं आती? तुम्हें मराठी आनी चाहिए, यह कहना कि मराठी नहीं जानते और ऐसा दिखाना अब नहीं चलेगा।” इसके बाद युवक ने गार्ड को थप्पड़ मारते हुए कड़ी फटकार लगाई।
स्थानीय भाषा के सम्मान पर उठे सवाल
यह घटना दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय हुई, जब बड़ी संख्या में लोग शिवाजी युग की पोशाक पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बाढ़ की तरह उमड़ पड़ी हैं। कई नागरिकों ने टिप्पणी की है कि “महाराज के किले पर शिवाजी वेश में आए युवक को रोकना दुखद है।” वहीं, कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र में स्थानीय भाषा मराठी के सम्मान को दरकिनार किया जा रहा है? इस घटना ने भाषा और संस्कृति के सम्मान को लेकर नई बहस छेड़ दी है। प्रशासन ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।