नरक चतुर्दशी स्पेशल : प्रकाश, शुद्धि और अंकों की शुभ ऊर्जा का संगम

    19-Oct-2025
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Narak Chaturdashi
 Image Source:(Internet)
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), जिसे ‘छोटी दिवाली’ भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पूर्व मनाई जाती है। यह दिन नकारात्मकता के अंत और नई रोशनी के आरंभ का प्रतीक है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध कर धरती को भय और अंधकार से मुक्त किया था। इसलिए इस तिथि को ‘असत्य पर सत्य की विजय’ और ‘अंधकार पर प्रकाश की जीत’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर की सफाई, तेल स्नान, दीपदान और सुगंधित वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि अंकों की ऊर्जा से भी गहराई से जुड़ा हुआ है — जो दिवाली के उत्सव को और अधिक सार्थक बनाता है।
 
चतुर्दशी और अंक 14 का आध्यात्मिक अर्थ
नरक चतुर्दशी चंद्र मास की ‘चतुर्दशी’ तिथि को मनाई जाती है, जो अंक 14 का प्रतिनिधित्व करती है। अंकशास्त्र (न्यूमेरोलॉजी) के अनुसार 14 का योग (1+4) = 5 होता है, और यह अंक ‘परिवर्तन, स्वतंत्रता और नव ऊर्जा’ का प्रतीक है। जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन बुराई को समाप्त कर धरती को नई दिशा दी, वैसे ही अंक 5 हमें बताता है कि जीवन में बदलाव को अपनाना ही प्रगति का मूल है। यह दिन आत्मशुद्धि, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को जगाने का प्रतीक है। जो व्यक्ति इस दिन सकारात्मक ऊर्जा से अपने मन और विचारों को निर्मल करता है, उसके जीवन में नई संभावनाएं जन्म लेती हैं।
 
दिवाली के अंकों का दिव्य संतुलन
दिवाली के पाँच दिन वास्तव में पाँच अंकों की दिव्य यात्रा हैं धनतेरस (1), चतुर्दशी (2), लक्ष्मी पूजन (3), गोवर्धन पूजा (4) और भाईदूज (5)। चतुर्दशी का अंक ‘2’ सामंजस्य और संतुलन का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि जैसे प्रकाश और अंधकार का संतुलन प्रकृति का नियम है, वैसे ही जीवन में भी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों अनुभवों का संतुलन ही वास्तविक शांति लाता है। इस दिन दीप जलाना केवल परंपरा नहीं, बल्कि भीतर की नकारात्मकता को दूर कर आत्मा को प्रकाशित करने का प्रतीकात्मक कार्य है।
 
अंकों की शक्ति से भरपूर छोटी दिवाली के उपाय
नरक चतुर्दशी की सुबह तिल या सरसों के तेल से स्नान कर दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। अंकशास्त्र के अनुसार, जिनका जन्मांक 5 है, वे इस दिन हरे या नीले रंग का वस्त्र धारण करें — यह दिन उनके लिए अत्यधिक ऊर्जावान रहेगा। अन्य जन्मांकों के लिए दीपदान की दिशा भी महत्वपूर्ण है: उत्तर दिशा में दीप जलाने से समृद्धि, पूर्व दिशा में जलाने से स्वास्थ्य और दक्षिण दिशा में जलाने से सुरक्षा प्राप्त होती है। चोटी दिवाली हमें यह सिखाती है कि सच्ची रोशनी बाहर के दीपों में नहीं, बल्कि हमारे भीतर के आत्मदीप में है — जो जीवन के हर अंधकार को मिटा देता है।