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मुंबई:
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर नए समीकरणों की चर्चा तेज हो गई है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) और शिवसेना (ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। चर्चा है कि अगर ठाकरे बंधु एक साथ आते हैं, तो क्या उन्हें महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दलों का समर्थन मिलेगा? इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि कांग्रेस और महा विकास आघाडी को किसी नए प्रतिद्वंद्वी की जरूरत नहीं है। अगर मनसे गठबंधन में शामिल होना चाहती है, तो इस पर निर्णय दिल्ली स्तर से लिया जाएगा। इसी संदर्भ में अब शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है, जिसने नई बहस को जन्म दे दिया है।
राज ठाकरे चाहते हैं कांग्रेस भी साथ हो – संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे की इच्छा है कि कांग्रेस, जो महा विकास अघाड़ी का घटक दल है, उसे भी इस राजनीतिक प्रक्रिया में साथ लिया जाए। उन्होंने कहा, “यह उनकी भूमिका है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि कोई निर्णय हो चुका है। इस राज्य में सभी की अपनी जगह है। शिवसेना, मनसे, शरद पवार साहेब की एनसीपी, वाम दल और कांग्रेस सभी महत्वपूर्ण दल हैं और कांग्रेस को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होना चाहिए।” राउत ने स्पष्ट किया कि यह सबकी समान भूमिका है और राज ठाकरे भी इसी विचार से सहमत हैं।
फडणवीस पर भी साधा निशाना
हर्षवर्धन सपकाल द्वारा ‘निर्णय दिल्ली में होगा’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, “वह सही कह रहे हैं। हम दिल्ली में चर्चा कर रहे हैं। कल भी मेरी पार्टी महासचिव वेणुगोपाल से बात हुई थी और राहुल गांधी से भी चर्चा करूंगा। उद्धव ठाकरे जी भी मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा करेंगे।” वहीं ठाणे में मनसे और शिवसेना की संयुक्त रैली को लेकर राउत ने कहा कि ठाणे नगर निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के खिलाफ यह मार्च है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ठाणे में भी वैसी ही कार्रवाई करें जैसी नासिक में की गई थी। राउत ने कहा कि भ्रष्टाचार महाराष्ट्र की छवि को धूमिल कर रहा है, और अब जनता जवाब चाहती है।