कोराडी झील बनेगी मध्य भारत का ‘ग्रीन ज्वेल!’ NMRDA का 200 करोड़ का इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट

    13-Oct-2025
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- प्रकृति और तकनीक का संगम

NMRDA project for Koradi Lake Image Source:(Internet) 
नागपुर।
महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (NMRDA) ने कोराडी झील को विश्व स्तरीय इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की 200 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। शहर की सीमा से कुछ ही दूरी पर स्थित यह झील अब पर्यावरण संरक्षण, आधुनिक तकनीक और पर्यटन के संगम का प्रतीक बनने जा रही है। इस परियोजना में फ्लोटिंग डेक, बांस से बने कॉटेज, व्यूइंग टॉवर, साइकिलिंग ट्रैक, नेचर ट्रेल्स, सुंदर लैंडस्केप गार्डन और एडवेंचर जोन जैसी आकर्षक सुविधाएं होंगी। पर्यटक यहां बिना मोटर वाली बोटिंग, कायाकिंग, पैडल बोट और पर्यावरण-अनुकूल शिकारा राइड्स का आनंद ले सकेंगे।
 
सौर ऊर्जा से रोशन होगा झील किनारा, होगी ‘ग्रीन इंजीनियरिंग’ की झलक
इस परियोजना का मुख्य आकर्षण झील के बीच बना फ्लोटिंग एम्फीथिएटर होगा, जहां खुले आसमान के नीचे सांस्कृतिक कार्यक्रम और रोशनी के शानदार शो आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा सोलर-लाइट प्रॉमेनेड, बायोडायवर्सिटी इंटरप्रिटेशन सेंटर और इको-लर्निंग पवेलियन जैसे केंद्र पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देंगे। एनएमआरडीए के अतिरिक्त आयुक्त सचिन धुले ने बताया, “कोराडी झील का विकास सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और IoT-आधारित जल निगरानी प्रणाली के साथ किया जाएगा। सभी संरचनाएं पर्यावरण-संवेदनशील सामग्री से तैयार की जाएंगी।” इस परियोजना में बायोस्वेल, रिसायकल्ड पाथवे और सेंसर-आधारित लाइटिंग सिस्टम जैसी तकनीक अपनाई जाएंगी, जिससे यह स्थल ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-सुरक्षित बनेगा।
 
स्थानीय समुदाय को मिलेगा रोजगार
इस इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। झील परिसर में हॉस्पिटैलिटी, फूड कोर्ट, हैंडीक्राफ्ट कियोस्क और इको-गाइडेड टूर जैसी गतिविधियों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कोराडी इको-टूरिज्म हब के पूरा होने पर यह मध्य भारत का सबसे आधुनिक और प्रकृति-आधारित मनोरंजन स्थल बनकर उभरेगा — एक ऐसा जीवंत उदाहरण जहां आधुनिक डिज़ाइन और पर्यावरणीय सामंजस्य का सुंदर मेल देखने को मिलेगा।