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नागपुर :
महिला (Women) सशक्तिकरण और राष्ट्रीय एकता का संदेश लेकर दो साहसी महिलाओं ने “भारत परिक्रमा - भारताचे रंग, नारिच्या संग” नामक अनोखी पहल की शुरुआत की है। यह अखिल भारतीय यात्रा उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी मात्रे तथा लेखिका, मनोवैज्ञानिक और लिम्का रिकॉर्ड धारक डॉ. अंशुजा किम्मतकर ने की है। इस अद्वितीय सफर का उद्देश्य महिलाओं की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रसार करना है। साथ ही यह अभियान भारत की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विविधता को प्रदर्शित करते हुए समाज में समरसता और एकता का संदेश फैलाएगा। इस अभियान का शुभारंभ 1 अक्टूबर को हुआ। पहला फ्लैग ऑफ सुबह 8 बजे गांधी चौक, रामटेक से हुआ। इसमें महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री आशीष जैस्वाल की उपस्थिति रही। वहीं दूसरा फ्लैग-ऑफ सुबह 10 बजे, जीरो माइल, नागपुर से विधायक कृपाल तूमाने की मौजूदगी में हुआ।
महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार
इस यात्रा के दौरान दोनों महिलाएं देश के अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों के लोगों से संवाद करेंगी। वे महिलाओं की प्रेरणादायी कहानियां साझा करेंगी और सामाजिक प्रगति व आत्मनिर्भरता का महत्व बताकर समाज को जागरूक करेंगी। इसके साथ ही यह अभियान पर्यावरण संरक्षण और भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन पर भी विशेष जोर देगा। “भारत परिक्रमा” केवल भौगोलिक यात्रा नहीं बल्कि महिला शक्ति और देश की विविधता का जीवंत प्रदर्शन होगी। यह पहल नागरिकों को सामाजिक चेतना जगाने और महिला सशक्तिकरण के आंदोलन को और मजबूती देने का माध्यम बनेगी।
साहस और एकता की यात्रा
यह अभियान मातृका फाउंडेशन के सहयोग से, सृजन महिला बहुउद्देशीय संस्था, नागपुर महिला मंडल और आभाल युवा वाचन कट्टा के संयुक्त प्रयास से चलाया जा रहा है। यात्रा का संचालन और मार्गदर्शन अंतरराष्ट्रीय एथलीट व खोजकर्ता अतुल कुमार चौकसे के नेतृत्व में “अतुलनीय एडवेंचर” द्वारा किया जा रहा है। यह परिक्रमा न केवल भारत के नक्शे पर एक यात्रा होगी, बल्कि महिला शक्ति, साहस और एकता की प्रतीक यात्रा साबित होगी।