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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन की सेवा परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि संघ ने भारत के कई कठिन समयों में समाज की निस्वार्थ सेवा की है। उन्होंने याद दिलाया कि 1984 के सिख दंगों के दौरान जब हालात बेहद भयावह थे, तब अनेक सिख परिवारों ने आरएसएस स्वयंसेवकों के घरों में शरण पाई थी। यह संघ के मानवीय दृष्टिकोण और सेवा भाव का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी नागपुर यात्रा के दौरान संघ की सादगी और अनुशासन से गहराई से प्रभावित हुए थे, जो दर्शाता है कि संघ के मूल्य राजनीतिक सीमाओं से परे हैं।
आपदाओं और महामारी में RSS की भूमिका पर विशेष उल्लेख
पीएम मोदी ने आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में आई बाढ़ हो, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड या केरल के वायनाड जैसी आपदाएं हर जगह संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले राहत पहुंचाने वालों में शामिल रहे। कोविड-19 महामारी के दौरान भी स्वयंसेवकों ने जिस साहस और सेवा भावना का परिचय दिया, उसे पूरी दुनिया ने देखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सौ वर्षों में आरएसएस ने निरंतर समाज सेवा, आपदा राहत और मानवीय कार्यों के माध्यम से भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा को सशक्त किया है। शताब्दी वर्ष में यह योगदान देश के लिए गर्व का विषय है।