Buldhana : जिले में डेंगू के मामले बढ़े लेकिन जन जागरूकता से मौत नहीं!

    12-Sep-2023
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बुलढाणा : पिछले कुछ दिनों से जिले में डेंगू और सर्दी बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इन बीमारियों पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन जागरूकता के साथ-साथ विभिन्न उपाय किये जा रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद इस बीमारी से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है, जो राहत की बात है।
 
डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी
 
जून के महीने से मानसून की शुरुआत के बाद, मच्छरों के प्रजनन स्थल बढ़ जाते हैं और कीट जनित बीमारियों का प्रसार शुरू हो जाता है। जून से अक्टूबर कीट-जनित रोगों के संचरण की अवधि है, सभी कीट-जनित बीमारियां इसी अवधि के दौरान फैलती हैं। वर्तमान समय में डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों की दर बढ़ती जा रही है। जलवायु परिवर्तन, बेमौसम और छिटपुट बारिश, मानव निर्मित मच्छरों के प्रजनन स्थलों में वृद्धि, पानी की कमी के कारण नागरिकों द्वारा पानी जमा करने की मानसिकता, स्वास्थ्य शिक्षा की कमी के कारण डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
 
41 नमूने डेंगू और 19 नमूने चिकनगुनिया से संक्रमित
 
डेंगू, शीत ज्वर और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और शीत ज्वर विभाग के माध्यम से जन जागरूकता और रोकथाम के उपायों के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से 2022-2023 की अवधि के दौरान जिले में 441 रक्त नमूने एकत्र किए गए। इनमें 41 नमूने डेंगू से संक्रमित पाए गए, जबकि 19 नमूने चिकनगुनिया से संक्रमित पाए गए। जिला मौसम अधिकारी कार्यालय ने जानकारी दी है कि इनमें से किसी भी डेंगू मरीज की मौत नहीं हुई है. इसके अलावा, 2022-23 के दौरान बुखार निदान के लिए 5 लाख 341 रक्त नमूने एकत्र किए गए। इनमें से केवल 20 नमूने बुखार से संक्रमित पाए गए, इनमें से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई।
 
संक्रमित बीमारियों के लिए केंद्र की व्यवस्था
 
स्वास्थ्य एवं शीत ज्वर विभाग के माध्यम से जानलेवा डेंगू, शीत ज्वर एवं चिकनगुनिया पर नियंत्रण हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 280 स्वास्थ्य उप-केंद्र, 12 ग्रामीण अस्पताल, 2 जिला सामान्य अस्पताल और 2 उप-जिला अस्पताल के साथ-साथ आरोग्य सेवक, आशा सेविका और अन्य कर्मचारी हैं। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर भ्रमण कर बुखार के मरीजों की जानकारी एकत्र की जा रही है तथा रक्त के नमूने लिये जा रहे हैं। नागरिकों को डेंगू, सर्दी बुखार के बारे में स्वास्थ्य शिक्षा दी जा रही है। स्कूलों में भी विद्यार्थियों को जानकारी दी जा रही है।
 
संवेदनशील गांवों में अभियान
 
डेंगू के लिए कोई प्रभावी और निश्चित उपचार नहीं है, इसलिए डेंगू नियंत्रण के लिए एकमात्र विकल्प बुखार सर्वेक्षण, कीट विज्ञान सर्वेक्षण, शुष्क दिवस और नागरिकों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना जैसे निवारक उपाय हैं। इसके अनुसार जिले के डेंगू संवेदनशील गांवों में रोकथाम उपाय योजनाओं का अभियान चलाया जा रहा है।
 
डेंगू से बचने के उपाय और साफ सफाई जरूरी
 
व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वच्छता बनाए रखें, मच्छरों के प्रजनन स्थानों को नष्ट करें, सप्ताह में एक शुष्क दिन मनाएं, जलाशयों को ढकें, घरेलू वस्तुओं, पुरानी चटाईयों, तिलचट्टों को नष्ट करें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे शरीर के कपड़े पहनें, मच्छर निरोधकों का उपयोग करें, मच्छरदानी का उपयोग करें। पानी में गप्पी मछली छोड़े, बुखार होने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
 
नागरिकों को विभाग का सहयोग करना चाहिए
 
जिले में डेंगू और सर्दी बुखार जैसी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से निवारक उपाय किये जा रहे हैं। ऐसे में नागरिकों को भी स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना चाहिए।