Covid 19 : मामलों का बढ़ना नेचुरल इम्युनिटी के कम होने का संकेत

    06-Apr-2023
Total Views |

Covid - 19 Updates - Abhijeet Bharat
 
नई दिल्ली : देश के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर तेजी देखी गई है, जिससे एक और वायरल लहर की आशंका बढ़ गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि स्थिति चिंताजनक नहीं है और यह खांसी-जुकाम होने की तरह दूर हो जाएगी।
 
डॉ. मणींद्र अग्रवाल का गणितीय मॉडल कोविड-19 की भविष्यवाणी करने में सबसे अधिक सक्षम रहा है। उनके गणितीय मॉडल से की गई गणनाओं के आधार पर कोविड पर अब तक की सबसे सटीक भविष्यवाणी की गई है। हालांकि डॉ. अग्रवाल का कहना है कि उन्हें अभी तक इस मॉडल को इस्तेमाल करने की जरूरत महसूस नहीं हुई है और न ही मामलों की संख्या इतनी ज्यादा हुई है कि उनका मॉडल इसे पकड़ सके। जब तक दैनिक मामले 10,000 से ऊपर नहीं जाते, तब तक यह गणितीय मॉडल इसे पकड़ नहीं सकता, मामलों के उस सीमा को पार करने के बाद ही सटीक आकलन किया जा सकता है।
 
प्रारंभिक विश्लेषण के मुताबिक, आईआईटी प्रोफेसर का अनुमान है कि मामलों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है और स्थिति पिछले साल चौथी लहर जैसी हो सकती है। 'वर्तमान में इतनी बड़ी आबादी में किसी भी जिले में 100 से अधिक मामले नहीं मिले हैं, जिसका अर्थ है कि स्थिति चिंताजनक नहीं है। यदि इससे मामलों की संख्या 10 गुना भी बढ़ जाती है, तो भी स्थिति सामान्य रहेगी, यह भी एक तरह का फ्लू है और इसका असर खांसी-जुकाम के रूप में
 
दिखता है।' मामलों का बढ़ना नेचुरल इम्युनिटी के कम होने का संकेत है। भले ही यह तीसरी लहर के दौरान ज्यादातर भारतीयों में मजबूत था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे कम हो रहा है। प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का एक ही तरीका है और वह है वायरस से संक्रमित होना। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि जब लोग इस वायरस से संक्रमित होंगे, तभी लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनेंगे, जो प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएंगे।
 
ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है, बस कोविड गाइडलाइंस का पालन करें, डॉक्टर से सलाह लें और दवा लें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विशेष ध्यान रखें।