नागपुर : जूना बगड़गंज में मकान बनाते समय दूसरी मंजिल से गिरकर एक मजदूर की मौत हो गई थी। परिवार की अनुमति के बाद 64 साल के एक वरिष्ठ नागरिक का जीवन रक्षक लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। आंखों की पुतलियां दोनों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी बिखेरना संभव बनाएंगी। मजदूर का नाम है राकेश बारसागडे उस जो ब्रेन डेथ के बाद अनंत की यात्रा पर निकल पड़ा। राकेश मजदूरी करता था।
दो दिन पहले निर्माण कार्य करते समय अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया। उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं। परिजनों ने उसे तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा केयर सेंटर में भर्ती कराया। सभी उपचारों के बाद पता चला कि उनके मस्तिष्क में गंभीर रक्तस्राव हो रहा है। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद ट्रॉमा टीम ने परिवार को अंगदान के लिए परामर्श दिया। परिवार ने अंगदान के लिए सहमति दे दी। इसमें परिवार ने अपना लीवर और कॉर्निया दान करने की अनुमति दे दी। इसकी जानकारी डिविजनल ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेशन सेंटर को देने के बाद सूची की जांच की गई। न्यू एरा अस्पताल में एक 64 वर्षीय वरिष्ठ व्यक्ति को लीवर प्रत्यारोपण का इंतजार करते हुए देखा गया। इसलिए उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। चिकित्सकीय दृष्टि से उनकी दोनों किडनी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं थी, इसलिए उनका प्रत्यारोपण नहीं किया जा सका। एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. सोमा चाम, अधीक्षक डॉ. राज गजभिये, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति के डॉ. संजय कोलते, सचिव डॉ. राहुल सक्सेना ने इस अंग प्रत्यारोपण के ऑपरेशन में बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया।