Nagpur : ग्रापं चुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर; 361 ग्राम पंचायतों में थमा प्रचार
04-Nov-2023
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नागपुर : जिले में 361 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार शाम को समाप्त हो गया। उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने मतदाताओं के साथ वास्तविक बैठकों पर जोर दिया है। चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं ने अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन तैयार है। चुनाव के तहत 361 समूह ग्राम पंचायतों में काटोल तालुका में 52, नरखेड में 29, सावनेर में 26, कलमेश्वर में 21, रामटेक में 28, पारशिवनी में 17, मैदा में 31, कामठी में 10, उमरेड में 26, भिवापुर में 36, कुही में 22, नागपुर (ग्रामीण) में 24 और हिंगना तालुका में 39 ग्राम पंचायतों का समावेश है। इन सभी जगहों पर सरपंच पद का चुनाव सीधे मतदाताओं से होता है। जिले की अधिकांश समूह ग्राम पंचायतों में, कांग्रेस और भाजपा समर्थित समूह सरपंच और सदस्यों के पदों के लिए मैदान में हैं, जबकि कुछ गांवों में एनसीपी, शिवसेना (ठाकरे) और शिवसेना (शिंदे) समर्थित समूहों के उम्मीदवार मैदान में हैं।
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इन चुनावों में जीतने के लिए काटोल विधानसभा क्षेत्र में एनसीपी के अनिल देशमुख और बीजेपी के चरण सिंह ठाकुर, सावनेर में कांग्रेस के सुनील केदार और बीजेपी के डॉ. राजीव पोतदार, हिंगना में बीजेपी विधायक समीर मेघे और पूर्व एनसीपी विधायक रमेश बंग, कामठी में बीजेपी विधायक टेकचंद सावरकर और कांग्रेस के सुरेश भयेर सक्रिय रहे। रामटेक में विधायक आशीष जयसवाल और प्रहार के रमेश कारामेरे, उमरेड में कांग्रेस से राजू पारवे और भाजपा से सुधीर पारवे ने भी अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है।
365 की जगह 361 ग्राम पंचायतों में चुनाव
जिले की 365 समूह ग्राम पंचायतों के चुनाव की घोषणा कर दी गई है। कोंढाली, बिडगांव और नीलडोह ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत और डिगडोह को नगर पालिका का दर्जा दिए जाने से 365 के बजाय 361 अब ग्राम पंचायतों में चुनाव होने जा रहा है। इन ग्राम पंचायतों में रविवार को मतदान होगा और सोमवार को वोटों की गिनती होगी।
पुलिस के निशाने पर शराब की तस्करी
इस चुनाव में शराब की मांग बढ़ गई है। तदनुसार, नागपुर ग्रामीण पुलिस ने पहले ही शराब की भट्टियों को नष्ट करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा, हालांकि नागपुर ग्रामीण पुलिस घरेलू और विदेशी शराब के अवैध कारोबार पर नजर रख रही है, लेकिन आंतरिक तौर पर ब भी पार्टियां जारी हैं।