नागपुर : महाराष्ट्र राज्य बिजली कामगार महासंघ ने महावितरण, महाजेनको, महापारेषण कंपनियों को आंदोलन का नोटिस दिया है। महावितरण, महाजेनको, महापारेषण के 86 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों के मुद्दे कई वर्षों से लंबित हैं। सरकार के साथ कई बार चर्चा और बैठकें हुईं। लेकिन बैठकों में लिए गए निर्णयों पर अमल नहीं होने का आरोप लगाते हुए बिजली अधिकारियों-कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
महासंघ के प्रदेश महासचिव कृष्णा भोयर ने कहा कि इस आंदोलन का नोटिस तीनों बिजली कंपनियों के साथ-साथ को भी दिया गया है। ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रमुख ऊर्जा सचिव के कार्यालय पहले चरण में 14 दिसंबर को राज्य के सभी बिजली कार्यालयों के सामने और दूसरे चरण में 22 दिसंबर को राज्य के सभी जोनल कार्यालयों के सामने डोर-टू-डोर बैठकें और प्रदर्शन किए जाएंगे। तीसरे चरण में 28 दिसंबर को प्रकाशगढ़/प्रकाश गंगा कार्यालय के समक्ष धरना व मार्च किया जाएगा। भोयर ने इसके बाद भी मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
प्रमुख मांगें :
- बिजली भुगतान बकाया की वसूली के लिए अलग व्यवस्था बनाएं
- श्रम कानून के मुताबिक आठ घंटे ही काम करवाएं - आंतरिक भर्ती हेतु आरक्षित पद का विज्ञापन तत्काल निकालें
- महावितरण में तकनीकी कर्मचारियों को पूर्वव्यापी प्रभाव से वाहन भत्ता प्रदान करें
- तीनों बिजली कंपनियों में 43 हजार रिक्तियां भरें
- तीनों कंपनियों में स्थायी अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारियों को परमानेंट करें