यवतमाल : देश में संचार क्रांति के बावजूद आज भी अनेक गांव विकास से कोसों दूर हैं. यह बात इससे साफ हो जाती है कि जिले के 36 गांवों में अभी भी मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता है. इन गांवों के लोगों को मोबाइल पर संपर्क करने के लिए पांच किलोमीटर दूर या गांव की पानी की टंकी तथा ऊंचे स्थान पर जाना पड़ता है.
यवतमाल जिले की झरी व उमरखेड़ तहसील के 2040 गांवों के लोगों के पास फोन तो हैं, किंतु अनेक गांवों में रेंज की समस्या आज भी कायम है. मोबाइल की रेंज के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इन गांवों की खोज दूरसंचार विभाग की ओर से की गई है. इन गांवों में 500 दिन के भीतर नए सिरे से टॉवर लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके लिए कनेक्टिविटी के प्रयास जारी हैं.
इस योजना की मियाद 31 मार्च को खत्म हो रही है. जिन गांवों में रेंज नहीं रहती उनकी खोज करने के लिए दूरसंचार विभाग के सहायक प्रबंधक गजानन सूर्यवंशी समेत दस्ता जब गांवों में पहुंचा तब यह बात ध्यान में आई. अब इन गांवों में दूरसंचार विभाग 60 लाख रु. कीमत के टावर लगाएगा. जिसके चलते उपाययोजना शुरु कर दी गई है. पर, कुछ गांवों में मोबाइल टावर लगाने के लिए ग्राम पंचायत की जगह नहीं होने की बात भी सामने आई है. रेज के अभाव के कारण राशन आवंटन के लिए दुकानदार तथा डाक कर्मियों पर टॉवर पर चढ़ने की नौबत आ गई है. इस कारण सरकारी कामकाज में भी बाधा आ रही है.