यवतमाल : शहर सहित जिले में बढ़ता अपराध चिंता का विषय बन गया है. सामाजिक माहौल खराब होता जा रहा है और खुद को कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. हमेशा यह डर बना रहता है कि कौन कहां से आकर बेवजह हमला कर देगा. छोटी-छोटी बातों पर हमला कर हत्या की घटनाएं लगातार हो रही हैं.
पिछले 11 महीनों में हुई हत्या की घटनाओं को ट्रैक करने पर यह जानकारी सामने आई. जिले में गत 11 माह में 72 लोगों की हत्या कर दी गई. यह सभी मामले विविध थानों में दर्ज हैं. पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद, पति-पत्नी के बीच विवाद, अनैतिक संबंध हत्या के प्रमुख कारणों के रूप में देखे जा रहे हैं.
बढ़ रही वारदातों ने चिंता में डाला
पिछले साल 12 महीनों में 78 हत्याएं हुई है. इनमें से अधिकतर अपराध पारिवारिक झगड़ों और गिरोह के वर्चस्व के कारण हुए हैं. इस साल भी यह आंकड़े आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. हत्या की बढ़ रही वारदात ने सभी को चिंता में डाल दिया है.
ग्रामीण इलाको में भी घटनाएँ
शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी हत्या जैसे गंभीर अपराध हो रहे हैं. शहरी इलाकों में 28 हत्याएं दर्ज की गई हैं, ये आंकड़े चिंताजनक हैं. पूरे जिले में हत्या के प्रयास के 70 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से 26 अपराध शहर में ही दर्ज किए गए हैं और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. किसी भी कारण से बहस होने पर झड़प हो जाती है इनमें से 1400 मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे शहर में 290 अपराध दर्ज हैं.
बच्चे और किशोर नशे में धुत
अधिक चिंता की बात यह है कि जो बच्चे नशे के प्रभाव में होते हैं वे शैतान बन जाते हैं. नशे की आड़ में वे रात में शहर की सड़कों पर घूमते रहते हैं. वे कभी कभी तो बिना किसी कारण के भी किसी पर वार कर उसकी जान पर बन आते है. ऐसी एक घटना हालही में शहर में हुई है. युवा नशे के आदि होते जा रहे हैं खुद को नशे में झोंककर अपना जीवन समाप्त करने पर तुले हुए हैं. फिलहाल ऐसे मामले खतरनाक होते जा रहे हैं. इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए पुलिस के सामने यह गंभीर सवाल है.