- खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के चौथा दिन में विविध कार्यक्रम आयोजित
नागापुर : मानवता के पुजारी, सर्वेश्वरवाद की शिक्षा देने वाले और हृदय में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने वाले राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की छवि सोमवार को खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के मंच पर 'क्रांति नायक' नाटक के माध्यम से उजागर हुई। ईश्वर देशमुख कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के परिसर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की संकल्पना से साकार हुए खासदार सांस्कृतिक महोत्सव का सोमवार को चौथा दिन था। संत तुकडोजी महाराज के जीवन पर आधारित नाटक 'क्रांति नायक' प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पुण्यनगरी के संपादक रमेश कुलकर्णी, लोकशाही वार्ता के संपादक भास्कर लोंढे, लोकसत्ता के संपादक देवेंद्र गावंडे, लोकमत के श्रीमंत माने, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रमोद येवले, गुरुदेव सेवा मंडल के अध्यक्ष अशोक येवले, सचिव राजेश कुंभलकर, रामदास टेकाड़े, रूपराव वाघ, सियाराम चौके, ज्ञानेश्वर रक्षक, पूर्व महापौर कल्पना पांडे, मेघे ग्रुप की आभा मेघे उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई।
रंगभूमि, नागपुर द्वारा निर्मित भव्य नाटक 'क्रांति नायक' का निर्माण 2009 में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की जन्म शताब्दी में किया गया था। आज इस भव्य नाटक का 49वां प्रयोग था। अंधविश्वास उन्मूलन, स्वच्छता मिशन, मानव सेवा, भजन के माध्यम से चिमूर क्रांति, गांधीजी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी और विनोबाजी भावे के साथ भूदान आंदोलन, ग्राम गुरुदेव सेवा मंडल की स्थापना, महामहिम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा 'राष्ट्र संत' से सम्मानित, ग्राम गीता लिखना , शाहीर सम्मेलन की ओर से कला सम्मान; इस भव्य मंच पर उनके जीवन के कई पवित्र और देशभक्तिपूर्ण प्रसंग प्रस्तुत किए गए। पारंपरिक घंटियों, खंजरी भजनों, पल्लनाओं, ठशकेबाज़ लावणी, बहारदार आदिवासी और दिंडी नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
कुल 70 कलाकारों वाले इस महानाट्य के लेखक पुरूषोत्तम मिराशी थे, जबकि विलास कुबड़े ने इसका निर्माण और निर्देशन किया था। संगीत निर्देशन वामन कचोले, नृत्य निर्देशन वीरेंद्र लतानकर, नेपथ्य हेमंत कुबड़े और सतीश कालबंदे, प्रकाश डिजाइन किशोर बत्तासे, सेट डिजाइन लालजी श्रीवास, वेशभूषा श्यामला कुबड़े और मंच प्रबंधन सतीश बार्डगे और अक्षय भगत द्वारा किया गया। उत्पादन सहायता वामन कचोले द्वारा की गई थी। रमेश लखमापुरे ने तुकडोजी महाराजा की मुख्य भूमिका निभाई जबकि संजय रहाटे को विशेष मार्गदर्शन मिला। जयदेव वानखेड़े, ची वल्लभ, भास्कर मेश्राम, मिलिंद रामटेके, मोहन और नितिन पात्रिकर, योगेश राऊत, बिस्मार्क भिवागड़े, अभिषेक बेलेरवार, रवींद्र भुसारी के साथ अपर्णा लखमापुरे, मालती वराडे, दीप्ति भाके, रेशमा इंदुरकर, वर्षा मानकर, पूजा वडटकर, हर्षाली कैलकर इस तरह कई कलाकारों ने विविध भूमिकाएं निभाई।
विशाल शेल्के ने पेश किया हिंदी गीतों का नजराना
शाम के सत्र की शुरुआत स्थानीय नवोदित गायक, संगीतकार विशाल शेल्के द्वारा बॉलीवुड गीतों की प्रस्तुति के साथ हुई। इस मौके पर उन्होंने हिंदी गानों का नजारा पेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री शंकर को नमन करते हुए 'नमो नमो जी शंकरा' गीत से हुई। ‘देवा देवा ओ नम:’ इस गाने के बाद ‘शाम सवेंरे तेरी यादे आती है’, ‘मै रंग शरबतों का’, ‘ओ जालीमा’, ‘बन्नो रे बन्नो मेरी’, ‘कबिरा मान जा’ इन लोकप्रिय गीतों से विशाल शेलके ने समा बांध दिया। पल पल दिल के पास, तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, ए शाम मस्तानी, छुकर मेरे मन को, प्यार दिवाना होता है आदी पुरानी लोकप्रिय गीतों की भी पेशकश की। तू ही किस्मत मेरी यह ओरिजिनल गीत भी प्रस्तुत किया। उन्हें और अन्य संगीत कलाकारों को प्रोफेसर अनिल सोले द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन रेणुका देशकर एवं बाल कुलकर्णी ने किया। वर्षा रेहपाड़े की रंगोली में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की छवि आकर्षण का केंद्र रही। खासदार सांस्कृतिक महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. अनिल सोले, उपाध्यक्ष प्रो. मधुप पांडे, डॉ. गौरीशंकर पाराशर, अशोक मानकर, दिलीप जाधव, सचिव जयप्रकाश गुप्ता, कोषाध्यक्ष प्रो. राजेश बागड़ी, सदस्य बालासाहेब कुलकर्णी, हाजी अब्दुल कादिर, सारंग गडकरी , अविनाश घुशे, संदीप गवई, संजय गुलकारी, रेणुका देशकर, गुड्डु त्रिवेदी, किशोर पाटिल, चेतन कैरकर, आशीष वांडिले, भोलानाथ सहारे, एडवोकेट नितिन तेलगोटे, मनीषा काशीकर कार्यक्रमों के सफल आयोजनों में योगदान दे रहे हैं।
आज खासदार सांस्कृतिक महोत्सव में विशेष
- सुबह 6.30 बजे : श्रीसूक्त पाठ
- शाम 6.00 बजे : आयुष मानकर का हिदी और मराठी गानों का कार्यक्रम
- शाम 6.30 बजे: संगीत के सुल्तान अदनान सामी के साथ लाइव कॉन्सर्ट में एक शाम