गढ़चिरोली : गढ़चिरोली जिले में पिछले दो- तीन वर्ष से जंगली हाथियों के झुंड एवं आदमखोर बाघों का आतंक मचा हुआ हैं. इन वन्यजीवों के कारण जिले में अबतक काफी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं तो वहीं दूसरी ओर हाथियों के उत्पात से किसानों के खेती का भारी नुकसान हो रहा हैं. लेकिन इस ओर राज्य सरकार गंभीरता से ध्यान नहीं दे पा रही. जिस कारण जिले में नागरिकों की जान से खिलवाड़ हो रहा हैं. इस मामले की ओर सरकार गंभीरता से ध्यान दे हाथियों एवं बाघों का शीघ्र बंदोबस्त कराने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई हैं.
ओडिशा राज्य से विस्थापित जंगली हाथियों का झुंड पिछले तीन सालों से जिले में घुम रहा हैं. सोमवार को फिर से हाथियों ने ग्राम मरेगांव निवासी मानेज़ प्रभाकर येरमे (38) नामक किसान पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के पहले 16 सितंबर को आरमोरी तहसील के पलसगांव इलाके में सहायक वन संरक्षक के ड्राइवर सुधाकर आत्राम को और 17 अक्तूबर को गढ़चिरोली तहसील के ग्राम दिभना के निवासी किसान होमाजी गुरनुले को हाथी ने कुचल कर मार डाला था. जंगली हाथियों ने पिछले तीन महीनों में तीन लोगों की जान ले ली है. पिछले तीन-चार दिनों से धान का भी भारी नुकसान कर रहे हैं.
इस विषय को लेकर महाराष्ट्र ट्राइबल कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. नामदेव उसेंडी ने कहा कि, पिछले कुछ दिनों से जिले में जंगली हाथियों और बाघों की संख्या में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है और वन मंत्री, पालक मंत्री और वन अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है और लोगों की जान जा रही है. इसलिए इनके खिलाफ मनुष्यबध का मामले दर्ज करने की मांग की हैं.