अमरावती : सरकार ने बड़े जोर-शोर से "एक रुपये" में फसल बीमा देने की घोषणा की थी. हालांकि अब जब मुआवजा देने का समय आया तो फसल बीमा कंपनी और सरकार ने किसानों का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया है. दरअसल, अमरावती जिले के किसानों के खाते में बीमा राशि के नाम पर मात्र 78 रुपए जमा किए जायेंगे. इसके लिए जिले के 10 हजार किसानो के लिए 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
10 हजार किसान ही पात्र घोषित
अमरावती जिले के कुछ तहसील में बारिश की कमी और कुछ में अत्यधिक बारिश के कारण फसलें खराब हो गयी हैं. इन फसलों का मुआवजा पाने के लिए फसल बीमा कंपनी के पास शिकायतें आने लगीं। इस दौरान कंपनी के पास 82,005 शिकायते दर्ज की गईं। इस बीच कंपनी ने 61,640 आवेदनों की जांच की. इसमें 3947 आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिये गये हैं. लेकिन, सिर्फ 10 हजार किसानों को ही पात्र घोषित किया गया है। अब इन सभी पात्र किसानों को के लिए 8 लाख की बीमा राशि मंजूर की गयी है.
क्या किसानों को गुमराह किया जा रहा है ?
इस साल बारिश की कमी के कारण बुआई में एक महीने की देरी हुई और जुलाई महीने में 44 राजस्व इलाकों में भारी बारिश हुई. जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 80 हजार हेक्टेयर में लगी फसल को 33 फीसदी का नुकसान हुआ है. इसलिए, योजना में भाग लेने वाले किसानों ने निर्धारित अवधि के भीतर कृषि विभाग, संबंधित बैंकों, ऐप और फसल बीमा कंपनियों को अग्रिम सूचना दी है। हालांकि किसानों का आरोप है कि फसल बीमा कंपनियों ने किसानों को गुमराह किया है.
बीमा कंपनी व सरकार पर तानाशाही का आरोप
जिले में संतरा, मोसंबी, कपास, अरहर की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और बीमा कंपनी व सरकार तानाशाही की तरह काम कर रही है. किसानों का आरोप है कि सरकार और बीमा कंपनी जानबूझकर किसानों को परेशान कर रही है.