Positive Story: सड़क किनारे लगी फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों की स्कूल; गाया जन-गण-मन!

    24-Dec-2022
Total Views |

Positive Story of Youth for Seva
 
नागपुर : शिक्षा के लिए किसी चार-दीवारी की जरूरत नहीं है। मन में लगन हो तो कहीं भी किसी भी समय शिक्षा दी और ली जा सकती है। ये आप इन बच्चों और उन्हें सिखाने वाले 'Youth for Seva' के वॉलेंटियर से सीख सकते हैं। 'बूंद-बूंद से सागर बनता है' और 'ज्ञान बांटने से बढ़ता है' बस इसी कहावत को 'Youth for Seva' फॉउंडेशन के वॉलेंटियर साबित कर रहे है।
 
 
'Youth for Seva' फाउंडेशन के नागपुर में 8 से 9 सेंटर है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य झोपडपट्टी में रहने वाले, भीख मांगने वाले बच्चों को अच्छी आदतें सीखाना और पढ़ाना है। फॉउंडेशन के वॉलेंटियर बताते है कि अपनी जॉब और व्यस्तता से समय निकालकर वह हर शनिवार और रविवार इन बच्चों को पढ़ाते है। और सभ्यता का पाठ सिखाते है जो आज के समय में बहुत जरूरी है। 
 
Watch Video:  
 
 
 
राहगीर उत्साहित होकर देखते है नजारा
 
चूंकि बच्चों को पढ़ाने के लिए वॉलेंटियर खुली जगह, फुटपाथ का इस्तेमाल करते है तो राह से गुजरनेवाले राहगीर एक बार ठहर कर इस नज़ारे और यहां चलने वाली गतिविधियों को देखने के इच्छुक होते है। कई बार पास से गुजरने वाले लोग वॉलेंटियर से वहां चलने वाली गतिविधियों के बारें में पूछते है और उनके साथ शामिल होने के लिए सकारात्मक प्रतिसाद भी देते है।
 

Positive Story of Youth for Seva  
शहर में है 8 से 9 सेंटर
 
'Youth for Seva' की शुरुआत प्रवीण कुथे द्वारा की गई है। जब इसकी शुरुआत की गई थी तब बच्चों को खासकर उनके माता-पिता को समझाना आसान नहीं था। लेकिन कहा जाता है न एक से भले दो और जहां दो से चार हाथ होते है काम आसान हो जाता है। जैसे-जैसे समय बीता फाउंडेशन की इस पहल में लोग शामिल हुए। शहर में 8 से 9 सेंटर है जहां बच्चों को पढ़ाने के साथ विभिन्न स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया जाता है। और इस शिविर के आयोजन में जुडी स्वास्थ्य संस्था बच्चों का मुफ्त में इलाज करती है।
 
वॉलेंटियर किशोर सर ने बताया कि फाउंडेशन उन बच्चों के लिए काम करता है जो राह में भीख मांगते है, जो झोपड़पट्टी में रहते है। उन्होंने बताया बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिहाज से बहुत कुछ सिखाया जाता है। उन्हें प्रतिज्ञा,राष्ट्रगीत, किसी से भीख नहीं मांगना चाहिए, कोई कुछ दे तो धन्यवाद कहना चाहिए और भी आदतें सिखाई जाती है।
 

Positive Story of Youth for Seva  
 
सकरात्मक पहल का हिस्सा बनकर अच्छा लग रहा है : श्रुति  
 
वॉलेंटियर श्रुति पुणे में जॉब करती है। वर्क फ्रॉम होम के चलते वह अपने घर नागपुर में है। श्रुति बताती है कि ओमकार नगर से गुजरते वक्त उसने 'Youth for Seva' के वॉलेंटियर को बच्चों को पढ़ाते हुए देखा और उसने भी इस पहल में शामिल होने की सोची। उसने हाल ही में फाउंडेशन के साथ बच्चों को पढ़ाने का सिलसिला शुरू किया है। वह कहती है कि बच्चों को पढ़ाना और उनके अच्छी बातें और आदतें सीखाना अच्छा लगता है। और अच्छा लगता है कि वह इस तरह की सकारात्मक पहल का हिस्सा है।
 
बच्चों की प्रतिभा को उभारने के लिए फाउंडेशन द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसमें बच्चे अच्छा प्रदर्शन भी करते है। शहर के 8 से 9 यूथ फॉर सेवा के सेंटर में हर सप्ताह यही नजारा होता है। बच्चों को पढ़ाया जाता है, प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, बच्चों में पढ़ाई के लिए जरूरी समाग्री वितिरत की जाती है और अंत में उन्हें कुछ खाने का देकर घर के लिए रवाना कर दिया जाता है।