Care your Health with Abhyuday: क्या है फिस्टुला? जानें इसके लक्षण और...

    01-Dec-2022
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नागपुर: शरीर से जुड़ी कई बीमारियां है जिसके बारे में जानना और समझना बहुत जरूरी है। फिस्टुला भी उनमें से एक है। फिस्टुला को कंकर, कैंसर, फोड़ा या अलसर भी कहा जाता है। यह क्या होती है और इसका इलाज कैसे संभव है आइये जानते है 'अभ्युदय पाइल्स लेजर हॉस्पिटल' के अनुभवी चिकित्सक डॉ. प्रवीण सहावे और डॉ. पूजा सहावे से।
 
फिस्टुला (Fistula) क्या है?
 
फिस्टुला शरीर के दो अंगों, जैसे कि एक अंग या रक्त वाहिका और दूसरी संरचना के बीच एक असामान्य संबंध है। फिस्टुला आमतौर पर चोट या सर्जरी का परिणाम होता है। गुदा (Anus/मलद्वार) के चारों ओर एक फोड़ा या छाला होता है जिससे मवाद बाहर आता है और गुदा के माध्यम से या गुदा के बाहर एक छेद से बाहर निकलता है।
 
फिस्टुला में दो छेद होते हैं
 
1) गुदा या गुदा नलिका (Anal Canal) में खुलते हैं
2) नितंबों/कुल्हा (The Buttocks/ Bum/Ass) की त्वचा के माध्यम से एक बाहरी छेद होता है।
 
गुदा के चारों ओर लगभग 3-4 फफोले होते हैं। यह रोग आज फफोले के रूप में नहीं होता, फूटकर फोड़ा बन जाता है। यह बार-बार होता है जिससे फिस्टुला का निर्माण होता है।
 
फिस्टुला के कारण
 
1) एनोरेक्टल एब्सेस (Anorectal Abscess) लगभग सभी फिस्टुला एनोरेक्टिक फोड़े के फटने के कारण होते हैं। इसकी शुरुआत गुदा ग्रंथि (Anal Gland) के संक्रमण से होती है। जल्द ही संक्रमण का एक ट्रैक्ट नलिका बनती है। 
2) क्रोहन रोग (Crohn's disease)
3) डायवर्टीकुलिटिस (Diverticulitis)
4) कैंसर (Cancer)
5) संक्रमण - क्षय (Infection - Decay)
6) एचआईवी, यौन संचारित रोग (HIV, Sexually Transmitted Diseases)
 
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फिस्टुला के लक्षण
 
बैठे-बैठे चुभन, सूजन, कमी, लाली, झुकना, मलद्वार के आसपास खून और गंदगी जो आमतौर पर दुर्गंधयुक्त होती है।
 
एनल फिस्टुला का एकमात्र कारगर इलाज सर्जरी है...
 
i) फिस्टुलेक्टोमी (Fistulectomy) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें फिस्टुला को पूरी तरह से काट दिया जाता है और फिस्टुला ट्रैक्ट को हटा दिया जाता है।
 
ii) क्षारसूत्र उपचार (Alkaline Treatment) यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति है जिसमें दरारों के उपचार के लिए एक विशेष धागे का उपयोग किया जाता है। यह धागा आयुर्वेदिक तरीके से बनाया जाता है और फिस्टुला ट्रैक्ट में डाला जाता है। क्षारीय धागे की वजह से स्थानीय रासायनिक क्रिया कारगर साबित हो सकती है जिससे फिस्टुला ट्रैक्ट का जख्म भर सकता है। क्षार सूत्र का एक महत्वपूर्ण काम यह है कि यह ट्रैक्ट से मवाद और कचरा लगातार निकालने की अनुमति देता है।
 
क्षारसूत्र के फायदे
 
नॉन इनवेसिव तंत्र की वजह से कोई भी कट्स, स्टिचलेस, स्फिंक्टर स्नायू (Sphincter Muscle) को कोई भी नुकसान नहीं होता। इसकी सफलता का दर अच्छा है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं। अभ्युदय पाइल्स लेजर अस्पताल में मॉडिफाइड क्षार सूत्र उपचार किया जाता है।
 
यह प्रक्रिया फिलेक (फिस्टुला-भगंदर लेजर उपचार) (ट्रैक्ट लेजर क्लोजर) का उपयोग करके की जाती है। स्फिंक्टर स्नायु से हानि न होते हुए फिस्टुला ट्रैक्ट निकालने की यह प्रक्रिया है।
 
प्रक्रिया सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाती है, इसमें 30-40 मिनट की आवश्यकता होती है, और इसमें एक लेजर फाइबर शामिल होता है। फिस्टुला ट्रैक्ट में लेजर एनर्जी की एक परिभाषित मात्रा (Defined Quantity) उत्सर्जित होती है। फिस्टुला ट्रैक्ट का इलाज लेजर एनर्जी से किया जाता है। रोज ड्रेसिंग के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। यह उपचार सुरक्षित है।
 

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